यूपी विधानसभा में पेश किया गया 33,769.54 लाख करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट

प्रदेश में अवस्थापना, उद्योग व शहरी विकास की रफ्तार तेज की जाएगी। योगी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 2022-23 के पहले अनुपूरक बजट में अवस्थापना, औद्योगिक और शहरी विकास को खास तवज्जो दी है। स्वास्थ्य, शिक्षा और बिजली को भी तरजीह दी गई है। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को विधानसभा में 33770 करोड़ रुपये का अनुपूरक बजट पेश किया जबकि विधान परिषद में केशव प्रसाद मौर्य ने अनुपूरक बजट पेश किया।

इसमें अवस्थापना एवं औद्योगिक एवं शहरी विकास के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा और ऊर्जा सेक्टर के लिए भारी-भरकम राशि का प्रावधान किया गया। औद्योगिक पार्कों के विकास के लिए 8 हजार करोड़ और पीडब्ल्यूडी को सड़कें बनाने के लिए 2550 करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट प्रस्तावित किया गया। जिन शहरों की आबादी काफी घनी है, वहां सुनियोजित विकास के लिए नए शहरों के मद में 4000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

अनुपूरक बजट में 14 हजार करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल की गई हैं। इस अनुपूरक बजट से साफ हो गया है कि प्रदेश में निवेश बढ़ाने, औद्योगिक विकास के लिए जरूरी ढांचागत सहूलियतें मुहैया कराने और स्टार्टअप को प्रोत्साहन योगी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। प्रदेश में निजी निवेशकर्ताओं के औद्योगिक क्षेत्रों, औद्योगिक पार्कों और औद्योगिक हब के निर्माण के लिए औद्योगिक विकास प्राधिकरणों को 8 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। यह राशि बतौर ऋण मिलेगी। राज्य सड़क निधि के अंतर्गत सड़कों के अनुरक्षण के लिए 500 करोड़ रुपये और निर्माण व सुदृढ़ीकरण के लिए 1000 करोड़ रुपये मिलेंगे। इस वर्ष दोबारा सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने 26 मई को यूपी का 615518.97 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।

– 10 जिलों में न्यायालय परिसरों के निर्माण के लिए 400 करोड़
– मुख्यमंत्री विवेकाधीन अनुदान के लिए 150 करोड़
– ईको टूरिज्म के विकास के लिए 20 करोड़
-आंगनबाड़ी केंद्रों के अपग्रेडेशन के लिए 16.93 करोड़
– आंगनबाड़ी केंद्रों के निर्माण के लिए 41.40 करोड़
– ग्रीन इंडिया मिशन के लिए 36.19 करोड़
– कुकरैल नाइट सफाई पार्क की स्थापना के लिए 1 करोड़
– निजी उपभोक्ताओं को 1 जनवरी 2022 से टैरिफ के आधार पर 50 प्रतिशत की छूट मद में 1250 करोड़
– जवाहरपुर तापीय विद्युत परियोजना के लिए 100 करोड़
– 1000 मेगावाट घाटमपुर तापीय विद्युत परियोजना की स्थापना के लिए 300 करोड़
– पनकी परियोजना की लिए 100 करोड़
– स्टेडियमों, बहुद्देशीय हॉलों और छात्रावासों के अनुरक्षण के लिए 15 करोड़
– खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के आयोजन के लिए 20 करोड़
– गन्ना विकास परिषद के संपर्क मार्गों के लिए 155 करोड़
– सहकारी चीनी मिलों के लिए 20 करोड़
– सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए उपकरण खरीद के लिए 20 करोड़
-सामाजिक वानिकी योजना (जिला योजना) के लिए 174 करोड़
– पौधशाला प्रबंधन योजना के लिए 45 करोड़
– 150 राजकीय आईटीआई के उन्नयन के लिए 175 करोड़
– राष्ट्रीय शिक्षुता प्रोत्साहन योजना के संचालन के लिए 8 करोड़

सूचना विभाग को मिले 804 करोड़
सूचना विभाग को सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार और विज्ञापन के लिए 655 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। वहीं, लेखन प्रकाशन सहित अन्य मदों के खर्च सहित विभाग को कुल 804.20 करोड़ रुपये का बजट दिया गया है।

सलाहकार संस्था के लिए 14 करोड़
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को दस खरब अमेरिकी डॉलर का बनाने की विस्तृत कार्य योजना तैयार कर रही परामर्श दात्री संस्था को भुगतान के लिए 14.35 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसके अलावा मुख्यमंत्री फैलोशिप कार्यक्रम के संचालन के लिए 1.82 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

श्रम विभाग : अटल आवासीय विद्यालयों के लिए 172 करोड़
अब अटल आवासीय विद्यालयों में और तेजी से काम होगा। अप्रैल से यहां सरकार प्रवेश शुरू करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए अनुपूरक बजट में 172 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा उप्र भवन एवं अन्य सनिर्माण कर्मकार कल्याण निधि की जमा धनराशि वापस करने के लिए  30.75 करोड़ रुपये भी स्वीकृत किए गए हैं। श्रम सेवायोजन में मॉडल कॅरिअर सेंटरों की स्थापना के 68.23 लाख रुपये स्वीकृत किए गए।

स्टार्टअप के लिए 100 करोड़

इन्क्युबेटर्स को बढ़ावा देने और स्टार्टअप को संगठित करने के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था अनुपूरक बजट में की गई है। उत्तर प्रदेश स्टेट डाटा सेंटर के विस्तारीकरण के लिए 15.32 करोड़ रुपये की व्यवस्था है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए 296 करोड़
ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट-2023 के आयोजन के लिए 296.56 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में होने वाली जी-20 सम्मेलन के बैठकों के लिए भी 25 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण नीति में सब्सिडी के लिए 327 करोड़
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति के तहत भूमि की प्रचलित दरों में दी जाने वाली छूट की भरपाई और पात्र इकाइयों को प्रोत्साहन के लिए 327 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। मेसर्स एचसीएल आईटी सिटी (लखनऊ) प्राइवेट लिमिटेड को उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं स्टार्टअप नीति-2016 के अंतर्गत ब्याज उपादान के लिए 31 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

टैबलेट व स्मार्टफोन वितरण के लिए 300 करोड़
स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत टैबलेट व स्मार्टफोन के वितरण के लिए 300 करोड़ रुपये दिए गए हैं। मुख्यमंत्री फेलोशिप कार्यक्रम के संचालन के लिए 182 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अशासकीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण कर रहे अलाभिक समूह एवं कमजोर वर्ग के कक्षा-1 से 8 तक के बच्चों की शिक्षा पर आने वाले व्यय के मद में 177 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

महाकुंभ-2025 के लिए 521 करोड़
अनुपूरक बजट में स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 899 करोड़ रुपये दिए गए हैं। प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ-2025 के आयोजन के लिए 521.55 करोड़ रुपये का प्रावधान है।

पीएम गति शक्ति योजना के लिए 200 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड
पीएम गति शक्ति योजना के तहत संचालित योजनाओं के लिए रिवॉल्विंग फंड की स्थापना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था हुई है।

स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भी खोला खजाना
अनुपूरक बजट में परिवार कल्याण विभाग के लिए 3576 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। मेडिकल कॉलेजों के निर्माण के लिए 246 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित योजनाओं को लागू करने के लिए 1004 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

बसों की खरीद के लिए 200 करोड़, ईवी के लिए 100 करोड़
उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स वाहन विनिर्माण एवं गतिशीलता नीति-2022 के अंतर्गत इलेक्ट्रिक वाहनों पर सब्सिडी के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में 100 नई बसों की खरीद के लिए 200 करोड़ रुपये मिले हैं।

ट्रांसमिशन लाइन के लिए 908 करोड़
सौर ऊर्जा नीति-2017 के तहत बुंदेलखंड और पूर्वांचल क्षेत्र में स्थापित ग्रिड संयोजित सौर पॉवर प्लांट से बिजली निकासी के लिए ट्रांसमिशन लाइन तैयार कराने को 908 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

पिछड़े वर्ग की पुत्रियों की शादी के लिए 75 करोड़
पिछड़े वर्ग के निर्धन व्यक्तियों की पुत्रियों की शादी केलिए 75 करोड़ रुपये दिए गए हैं। इस तरह से व्यक्तिगत शादी अनुदान योजना को बजट मिलने से यह पुन: बहाल हो गई है।

आरटीई: शुल्क प्रतिपूर्ति का रास्ता साफ, 177 करोड़ रुपये के बजट का प्राविधान

प्रदेश के निजी विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत पढ़ रहे बच्चों की बकाया फीस प्रतिपूर्ति के भुगतान का रास्ता साफ हो गया है। प्रदेश सरकार ने विधानसभा में सोमवार को पेश अनुपूरक बजट में आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों की शिक्षा पर खर्च के लिए 1,77,41,70,000 रुपये की और राशि का प्राविधान किया है।

यह धनराशि अशासकीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ रहे अलाभिक समूह व कमजोर वर्ग के कक्षा एक से आठ तक के बच्चों की शिक्षा पर आने वाले खर्च के लिए अतिरिक्त रूप से देने का प्रस्ताव बजट में है। गौरतलब है कि पिछले तीन वर्ष से प्रदेश में निजी स्कूलों को आरटीई के तहत पढ़ रहे बच्चों की शुल्क प्रतिपूर्ति प्रभावित है। वर्तमान सत्र में कई जगह निजी स्कूलों ने दाखिले करने से ही मना कर दिया था। इसको लेकर मामला न्यायालय तक जा चुका है। इसी क्रम में अनुपूरक बजट में किए गए इस अतिरिक्त धनराशि के प्रस्ताव से बच्चों की पढ़ाई बिना बाधा होने की उम्मीद जगी है।

उधर, माध्यमिक शिक्षा में वर्ष 2018-19, 2019-20 व 2020-21 की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन व कक्ष निरीक्षकों के लंबित पारिश्रमिक के भुगतान के लिए पांच करोड़ रुपये अतिरिक्त धनराशि का प्राविधान भी अनुपूरक बजट में किया गया है। यूपी बोर्ड परीक्षा के इस लंबित भुगतान की मांग भी लंबे समय से हो रही थी।

यूपी बोर्ड: परीक्षा निगरानी के लिए 50 करोड़
अनुपूरक बजट में यूपी बोर्ड परीक्षाओं की निगरानी के लिए 50 करोड़ रुपये अतिरिक्त धनराशि का प्रस्ताव किया गया है। इस धनराशि का प्रयोग परीक्षाओं में प्रश्नपत्रों की जीपीएस ट्रैकिंग व परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्रों की सर्विलांस द्वारा निगरानी के लिए होगा। साथ ही इससे नकलविहीन परीक्षा कराने के लिए परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी के माध्यम से निगरानी की व्यवस्था में भी मदद मिलेगी।

तीन नए डायट व सुविधाएं बढ़ाने के लिए दस करोड़ रुपये अतिरिक्त
बजट में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट) के सुदृढ़ीकरण के लिए 4,50,87000 रुपये की अतिरिक्त राशि  प्राविधान किया गया है। इसमें केंद्रांश की धनराशि 270.52 लाख रुपये और राज्यांश की 180.35 लाख रुपये धनराशि है। वहीं गाजियाबाद, अमेठी व कासगंज में नए डायट की स्थापना के लिए 5,72,93000 रुपये की अतिरिक्त राशि का प्राविधान किया गया है। इसमें केंद्रांश की धनराशि 343.76 लाख और राज्य की धनराशि 229.17 लाख रुपये है।

लघु सिंचाई में 23 करोड़ मंजूर

प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 23.80 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई। इस योजना में 70 प्रतिशत तक अनुदान पर किसानों को नलकूप लगाने के लिए अनुदान दिया जाता है। इस योजना में यह अतिरिक्त रकम स्वीकृत की गई।

किसानों का ऋण माफ करने के लिए 190 करोड़ का अतिरिक्त बजट
फसल ऋण मोचन योजना के तहत लघु एवं सीमांत किसानों को फसल ऋण के लिए भुगतान करने को 190.27 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजट को स्वीकृति दी गई। इस योजना के तहत सरकार राज्य के छोटे और सीमांत किसानों के लिए 1 लाख रुपये तक के कृषि ऋण माफ कर रही है। इसके अलावा लखनऊ मंडल विकास निगम पर राष्ट्रीय केमिकल एवं फर्टीलाइजर्स कंपनियों की देनदारी के लिए 14.77 लाख रुपये को स्वीकृति दी गई।

सहकारी चीनी मिलों के लिए 50 करोड
प्रदेश की सहकारी चीनी मिलों के लिए 50 करोड़ के अतिरिक्त बजट को स्वीकृति दी गई। इन मिलों की क्षमता विस्तारीकरण, प्रदूषण नियंत्रण एवं को जेनरेशन प्लांट आसवनी की स्थापना के लिए 20 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। इसके अलावा रुग्ण यानी खराब हालत से गुजर रही सहकारी चीनी मिलों के कर्मचारियों, सेवानिवृत्त कर्मचारियाें के अवशेष भुगतान के लिए 30 करोड़ का अतिरिक्त बजट स्वीकार किया गया।

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