सेन्ट्रल विस्टा प्रोजेक्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक हम कोई फैसला ना सुना दे, तबतक कोई निर्माण या कुछ भी तोड़फोड़ नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि आपने प्रेस रिलीज जारी कर निर्माण की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आगे इसपर कोई काम नहीं होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम को किया जा सकता है। वहीं इस मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को आश्वस्त किया है कि फैसला आने से पहले काम शुरू नहीं किया जाएगा।
इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने सरकार द्वारा सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य को आगे बढ़ाने के तरीके पर अपनी नाराजगी व्यक्त की। 10 दिसंबर से यहां निर्माण कार्य शुरू होना था। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि वह सेंट्रल विस्टा परियोजना का विरोध करने वाली लंबित याचिकाओं पर कोई फैसला आने तक निर्माण कार्य या इमारतों या पेड़ों को गिराने की अनुमति नहीं देगा। केंद्र सेंट्रल विस्टा परियोजना के लिए आवश्यक कागजी कार्य कर सकता है एवं नींव रखने के प्रस्तावित समारोह का आयोजन कर सकता है।
आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत नई संसद बननी है। इसकी आधारशिला देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को रखेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने कहा कि अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस नया संसद भवन दुनिया की बेहतरीन इमारतों में से एक होगी, जिसे अगले 100 वर्षों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है।