एसवाईएल पर तीसरी बैठक भी बेनतीजा, भगवंत मान बोले- अपने पुराने रुख पर कायम हूं

दशकों से पंजाब और हरियाणा के बीच सतलुज-यमुना लिंक नहर का मुद्दा अनसुलझा है। गुरुवार को चंडीगढ़ में इस मुद्दे पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच तीसरी बैठक हुई। पिछली दो बैठकों की तरह यह बैठक भी बेनतीजा रही है। पंजाब सरकार इस बात पर अड़ी है कि उसके पास दूसरे राज्यों को देने की खातिर एक बूंद पानी नहीं है। वहीं हरियाणा सरकार नहर निर्माण का मुद्दा उठा रही है।

हरियाणा सरकार का कहना है कि मामला नहर निर्माण का है। पानी के बंटवारे का मुद्दा ट्रिब्यूनल हल करेगा। इस पर पंजाब के सीएम भगवंत मान का कहना है कि जब पंजाब में पानी नहीं है तो नहर निर्माण से क्या मिलेगा? चंडीगढ़ में आयोजित बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की। इस दौरान दोनों राज्यों के अधिकारी भी मौजूद रहे।

मैं पुराने रुख पर कायम: भगवंत मान 

बैठक के बाद पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा कि हम अपने पुराने रुख पर कायम हैं। पंजाब का 70 फीसदी क्षेत्र डार्क जोन में है। उन्होंने कहा कि जब पंजाब में पानी ही नहीं है तो नहर निर्माण से मिलेगा क्या? उन्होंने कहा कि जब समझौता हुआ था तब पानी अधिक था। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पानी की स्थिति सुधारने में लगे हैं। सीएम मान ने यह भी कहा कि पानी की एक बूंद भी पाकिस्तान नहीं जाती है। 

एक मान है कि मानता नहीं:  मनोहर लाल

हरियाणा सीएम मनोहर लाल ने कहा कि मौजूदा चैनल 66 साल से भी पुराना है। पानी के नेचुरल फ्लों के आर्टिफिशियल चैनल का निर्माण जरूरी। हरियाणा को अनुबंध के अनुसार अपने हिस्से का पानी नहीं मिल रहा। पीने की पानी की आवश्यकता राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के साथ लगते इलाके में भी है। उन्होंने कहा कि अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। एक भगवंत मान हैं कि मानते नहीं हैं। सीएम ने कहा कि माइक्रो इरीगेशन की पद्धति अपनाकर हरियाणा पानी की प्रबंधन कर रहा है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी माइक्रो इरीगेशन पर हरियाणा के प्रयासों की तारीफ की। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि आज तक हमारे हिस्से का पानी पाकिस्तान को दिया गया है। 

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