यूपी के बिजनौर जिले में बारिश होने से नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। वहीं नदियों और तालाबों के किनारे फिसलन हो गई। गुरुवार को जिले में अलग-अलग जगह नदी और तालाब में डूबने से तीन लोगों की मौत हो गई। डूबने से हुई मौत के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। इससे पहले भी नदी में डूबने से कई लोगों की मौत हो चुकी है।
अफजलगढ़ के गांव जयनगर निवासी देवेंद्र (18) पुत्र शिवनदंन का पैर फिसल गया। जिससे वह नदी में गिर गया और पानी में डूबने से उसकी मौत हो गई। देवेंद्र अपने बड़े भाई दीपक और अन्य कुछ लोगों के साथ रामगंगा नदी के घाट के दूसरी ओर अपने खेत से चारा लेने गया था। जब वह दोपहर 12 बजे चारा लेकर वापस लौट रहे थे। इस दौरान देवेंद्र, उसका भाई दीपक व इकबाल अहमद साथ थे। जैसे ही वह घाट पर पहुंचे तो अचानक देवेंद्र का पैर फिसल गया।
इकबाल अहमद आदि ने उसे बचाने का प्रयास किया, लेकिन वह उसे नहीं बचा सके। स्थानीय गोताखोर राकेश, राहुल, योगेन्द्र, तेजपाल, अरविंद, नन्हें, गुलबहार, चौखे, मुकेश आदि ने करीब पांच घंटे तक युवक की रामगंगा में तलाश की, कोई उसका पता नहीं चला। मौके पर पहुंचे कोतवाल पंकज तोमर का कहना है कि गोताखोर टीम बुलाई गई है। नाव की मदद से युवक की तलाश कराई जाएगी। उधर, स्योहारा के गांव नवादा केशो में निवासी उत्तम सिंह (45) पुत्र भूरिया सिंह की गुरुवार को तालाब में डूबने से मौत हो गई। उत्तम अपने घर में सो रहा था। अचानक लघुशंका होने पर घर से बाहर स्थित तालाब पर लघुशंका करने गया।
तालाब के किनारे पैर फिसलने के कारण तालाब में डूबकर उत्तम की मौत हो गई। पुलिस ने शव को बाहर निकालकर शव का परिजनों के आग्रह पर शव उन्हें सुपुर्द कर दिया। वहीं गांव मुकरपुरी निवासी नफीस (50) पुत्र बुद्धू शुक्रवार की दोपहर दो बजे पशुओं को चराने के लिए जंगल गया हुआ था। इस दौरान खो नदी पार करते हुए वह डूब गया। शोर मचाने पर आसपास जंगल में काम कर रहे ग्रामीणों ने घटना की सूचना पुलिस को दी। कार्यवाहक थानाध्यक्ष बब्लू सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने खोताखोरों को बुलाकर नफीस की काफी तलाश कराई मगर नफीस का शव बरामद नहीं हो सका है।