टिकैत ने दिया नया टारगेट: किसान अपनी मर्जी से वोट दें, लेकिन न दबाएं नोटा

भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि लोकसभा चुनाव में किसान अपनी मर्जी से कहीं भी वोट करें। लेकिन नोटा के बटन का प्रयोग न करें। सरकार ताकत के बल पर आंदोलन को दबाने का काम करती है। पुलिस के बल पर किसानों को दबाया जा रहा है। किसानों को हर गांव से ट्रैक्टर आंदोलन शुरू करना होगा।

किसान भवन पर आयोजित मासिक पंचायत में टिकैत ने प्रदेश सरकार की ओर से किसानों के बिजली बिल माफ करने की घोषणा को शगूफा बताते हुए कहा कि सरकार किसानों के साथ धोखा कर रही है। बिजली विभाग के अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा चुनाव आचार संहिता लागू हुई है, कोई कर्फ्यू नहीं लगा है। सरकार किसानों की जमीन छीन रही। 

शामली जिले के भाज्जू गांव से निकल रहे दिल्ली-देहरादून हाईवे पर किसानों की कट बनवाने की मांग पर उन्होंने कहा कि कट लगने के बाद किसान महंगे दामों पर जमीन बेचना शुरू न करें। किसानों को शपथ पत्र देना होगा कि जमीन नहीं बचेंगे। जिस किसान ने स्वयं की जमीन खरीदी है, वही बेच सकता है। जमीन विरासत में मिली है, इसलिए उस जमीन को अपने बच्चों को विरासत में ही दें। 

एकजुटता से संगठन को मजबूत करो
भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने भाकियू के पदाधिकारी को नसीहत देते हुए कहा अधिक से अधिक सदस्य बना कर किसानों को संगठन में जोड़ना होगा। गांव में ट्रैक्टर प्रमुख नियुक्त कर पंचायत में आम किसानों को साथ लेकर चलो। अपना गांव अपना ट्रैक्टर की तर्ज पर आंदोलन करना होगा। पंचायतों में पदाधिकारी को फोटो खिंचवाने की होड़ से पीछे हटना होगा। भाकियू के पुराने कार्यकर्ताओं को याद करते हुए कहा जो किसान आंदोलन में भाग लेकर जेल गए थे उन किसानो और उनके परिवारों को जोड़कर सम्मान किया जाएगा। 

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