टोक्यो ओलंपिक:कांस्य पदक जीतने पर PM मोदी ने एक-एक कर हॉकी खिलाड़ियों की तारीफ की

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को टोक्यो ‍ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के बाद भारतीय पुरुष हॉकी टीम के खिलाड़ियों की व्यक्तिगत रूप से प्रशंसा की और कहा कि हॉकी का हर प्रशंसक और खेल प्रेमियों के लिए पांच अगस्त सबसे यादगार दिनों में से एक रहेगा।

उन्होंने टीम के हर सदस्य की तारीफ करते हुए व्यक्तिगत रूप से ट्वीट करते हुए कहा कि हॉकी का हर भारतीय के दिल और दिमाग में खास स्थान है। मोदी ने टीम के कप्तान मनप्रीतसिंह की सराहना करते हुए कहा कि अपने तीसरे ओलंपिक और एक पदक का उन्होंने वर्षों तक इंतजार किया…पूरे (ओलंपिक) खेलों के दौरान, उन्होंने मैचों के महत्वपूर्ण पलों में आगे बढ़कर नेतृत्व किया। भारत को मनप्रीत के नेतृत्व पर गर्व है। टीम का अहम सदस्य होने पर एक प्रसन्न राष्ट्र उन्हें धन्यवाद देता है। 

उन्होंने मैच के आखिरी पलों में पेनल्टी कॉर्नर का बचाव कर भारत की जीत सुनिश्चित करने वाले गोलकीपर पीआर श्रीजेश की भी तारीफ की। उन्होंने श्रीजेश के लिए लिखा कि पूरे टूर्नामेंट में और अंतिम कुछ सेकंड में भी शानदार प्रदर्शन। श्रीजेश, आपके बचाव ने भारत के लिए पदक अर्जित करने में बड़ी भूमिका निभाई। आपको बधाई एवं शुभकामनाएं। #टोक्यो 2020।’’

हार्दिक सिंह ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान अपने खेल से प्रभावित किया और उन्हें भविष्य का बड़ा खिलाड़ी माना जा रहा है। प्रधानमंत्री ने उनके लिए ट्वीट किया कि हार्दिक सिंह खेल और फिटनेस के दीवाने हैं। उन्होंने शानदार प्रयास किए और खुद को एक बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है। आपकी सारी मेहनत और विशेष रूप से अहम मैच के महत्वपूर्ण लक्ष्य के लिए बधाई।

प्रधानमंत्री ने इसी तरह नीलकांत शर्मा, सुमित, विवेक सागर प्रसाद, ललित उपाध्याय, गुरजंतसिंह, दिलप्रीत सिंह, शमशेरसिंह, मनदीपसिंह, बीरेंद्र लाकड़ा, अमित रोहिदास, सुरेंद्र कुमार, हरमनप्रीतसिंह और रूपिंदर पाल सहित टीम के अन्य खिलाड़ियों की प्रशंसा करते हुए ट्वीट किए।

भारतीय पुरुष टीम ने कांस्य पदक प्ले ऑफ में जर्मनी को 5-4 से हराकर ओलंपिक में 41 साल बाद पहला पदक जीता। इस रोमांचक जीत के कई सूत्रधार रहे जिनमें दो गोल करने वाले सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) हार्दिक सिंह (27वां मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वां मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह (31वां मिनट) तो थे ही लेकिन आखिरी पलों में पेनल्टी बचाने वाले गोलकीपर श्रीजेश भी इनमें शामिल हैं।

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