कोलकाता कॉलेज छात्रा से कथित सामूहिक दुष्कर्म के विरोध में प्रदर्शन कर रहे पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार को शुक्रवार शाम हिरासत में लिया गया था। शनिवार सुबह उन्हें कोलकाता के लालबाजार थाने से रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद मजूमदार ने कहा, “मुझे प्रदर्शन के चलते गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने बेल बॉन्ड पर दस्तखत कर रिहा होने को कहा, लेकिन मैंने इनकार कर दिया और 32 कार्यकर्ताओं के साथ पूरी रात थाने में ही रुका।” उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “जब सरकार की पुलिस सोती है, तब किसी को तो जागना पड़ता है। अगर मुझे बंगाल के लिए सौ बार भी गिरफ्तार होना पड़े, तो मैं तैयार हूं।”
टीएमसी विधायक का विवादास्पद बयान
आरजी कर मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद महिला सुरक्षा को लेकर राज्य में राजनीतिक घमासान तेज हो गया है। सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस विपक्ष के निशाने पर है, वहीं पार्टी के कुछ नेताओं के बयान विवादों को और हवा दे रहे हैं। विधायक मदन मित्रा ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर छात्रा ने यह बताया होता कि वह कहां जा रही है या कुछ दोस्तों को साथ ले जाती, तो शायद यह घटना न होती।” उनके इस बयान की आलोचना हो रही है क्योंकि उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से पीड़िता को ही दोषी ठहराया।
जांच के लिए एसआईटी का गठन, भाजपा का आंदोलन तेज
घटना के विरोध में शनिवार को भाजपा और वामदलों ने अलग-अलग प्रदर्शन किए। भाजपा ने मामले की गहराई से जांच के लिए एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया है और राज्यव्यापी आंदोलन की योजना बना रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रकरण की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) गठित करने के निर्देश दिए हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी राज्य के मुख्य सचिव को पत्र भेजकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है। वहीं, पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए कॉलेज के एक सुरक्षा गार्ड को भी गिरफ्तार किया है।
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