42000 सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना को 1700 करोड़ व्यय करेगी यूपी सरकार

लखनऊ। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना का मुख्य उद्देश्य है कि देश के लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों का राजस्व बढ़ाने के लिए सब्सिडी के तौर पर आर्थिक सहायता प्रदान करने तथा खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता और सुरक्षा पर प्रदेश सरकार ने बल दिया है। वर्ष 2020 से संचालित इस योजना के अंतर्गत भारत सरकार द्वारा प्रदेश में लगभग 42 हजार सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना, उन्नयन व विस्तारीकरण हेतु पांच वर्षों के लिए उत्तर प्रदेश का परिव्यय धनराशि रुपये 1700 करोड़ प्राविधानित किया गया है, जिससे प्रदेश में लगभग पांच हजार करोड़ के पूंजी निवेश का अनुमान है।

प्रदेश सरकार द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार इस योजना के माध्यम से लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे। इसमें जिलों में लघु वन उद्योगों का भी ध्यान रखा जायेगा। प्रदेश में आत्मनिर्भर भारत अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (पीएम एफएमई) का संचालन 60:40 के अनुपात में केन्द्रांश: राज्यांश से किया जा रहा है। प्रदेश में इसके सापेक्ष 70 प्रतिशत मौजूदा उद्यमों का उन्नयन व विस्तारीकरण किया जायेगा तथा 30 प्रतिशत नए उद्यमों की जनपद हेतु चयनित ओडीओपी के अनुसार स्थापना करायी जायेगी।

प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अन्तर्गत व्यक्तिगत एवं समूह दोनों प्रकार के लाभार्थी पात्र हैं। इसके अन्तर्गत निजी सूक्ष्म उद्यमों एवं समूहों को अनुमन्य परियोजना लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम रू 10 लाख क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी का प्राविधान है। कार्यशील पूंजी और छोटे उपकरणों के क्रय हेतु प्रति एसएचजी सदस्य को लोन के रूप में रुपये 40 हजार सीड कैपिटल भी प्रदान किए जाने का प्राविधान है।

प्रदेश में योजनान्तर्गत बेसलाइन स्टडी का कार्य पूर्ण कर लिया गया है और जनपदवार ओडीओपी का अन्तिम रूप से चयन कर लिया गया है। जनपदों में फील्ड स्तर पर कार्य संचालन हेतु 79 जनपदीय रिसोर्स पर्सन का इम्पैनेलमेण्ट किया गया है एवं 284 इकाईयों का डीपीआर स्वीकृति हेतु भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है।

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