लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के निरंतर कम होते प्रभाव के बीच राज्य में सक्रिय मरीजों की संख्या घटकर 12 हजार 244 रह गयी है जबकि रिकवरी दर बेहतर होते हुये 98 फीसदी हो गयी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना प्रबंधन के लिये गठित टीम-09 की बैठक में कहा कि सभी जिलों में स्थिति नियंत्रण में है।
पॉजिटिविटी दर मात्र 0.3 प्रतिशत रह गई है, जबकि रिकवरी दर बेहतर होकर 98 फीसदी हो गया है।
पिछले 24 घंटे में कोविड संक्रमण के 642 नए केस आए हैं।
इसी अवधि में 1,231 लोग स्वस्थ होकर डिस्चार्ज भी हुए हैं।
किसी भी जिले में 38 से अधिक नए केस नहीं पाए गए।
संक्रमण में कमी की दिशा में यह अच्छा संकेत है।
अब तक कुल 16 लाख 67 हजार प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से स्वस्थ हो चुके हैं।
वर्तमान में प्रदेश में कुल 12,244 कोरोना मरीजों का उपचार हो रहा है।
उन्होने कहा कि बरसात का मौसम शुरू हो गया है।
यह समय इंसेफेलाइटिस और मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रसार का है।
बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी इंतज़ाम किए जाएं।
15 जून से बच्चों के लिए उपयोगी दवाइयों का किट घर-घर भेजे जाने का विशेष अभियान शुरू हो रहा है।
इस संबंध में सभी जरूरी तैयारियां समय से पूरी कर ली जाएं।
सर्विलांस को और बेहतर करने की जरूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया प्रदेश में अच्छी है।
अब तक उत्तर प्रदेश में 02 करोड़ 15 लाख 88 हजार 323 टीके लगाए जा चुके हैं।
बीते 24 घंटे में 3,91,441 लोगों का टीकाकरण किया गया।
अभी हम लगभग चार लाख डोज हर दिन लगा रहे हैं, इसे अगले दो-तीन दिनों के भीतर पांच से छह लाख तक बढ़ाया जाए।
अगले माह तक इसे 10-12 लाख प्रतिदिन की क्षमता तक विस्तार देने के लक्ष्य है।
इसके लिए वैक्सीनेटर बढ़ाने की कार्यवाही की जाए।
बीते 24 घंटों में तीन लाख पांच हजार 731 टेस्ट हुए।
उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्ट करने वाला राज्य है।
अब तक यहां पांच करोड़ 25 लाख 03 हजार 838 सैम्पल की टेस्टिंग हुई है।
एग्रेसिव टेस्टिंग की नीति लागू रखी जाए।
दैनिक टेस्ट की संख्या और बढ़ाये जाने की जरूरत है।
सभी जिलों में डायलिसिस यूनिट को बढ़ाए जाने की कार्यवाही की जाए।
डायलिसिस कराने वाले मरीजों को रक्त की जरूरत भी होती है।
ऐसे में ब्लड बैंक की स्थापना के प्रयास किए जाने चाहिए।
पीपीपी मॉडल पर संचालित डायलिसिस इकाइयों की क्षमता बढ़ोतरी की दिशा में ठोस प्रयास किए जाएं।
उन्होने कहा कि रोना कर्फ्यू में छूट के बाद पुलिस को एक्टिव रहना होगा।
सायंकालीन कर्फ्यू एवं साप्ताहिक बन्दी अभी लागू है।
इसके अतिरिक्त बाजारों में अधिक भीड़-भाड़ न हो तथा कोरोना प्रोटोकाल का पालन हो तथा पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए।