कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्‍तेमाल से पैदा होंगे 50 लाख रोजगार: गडकरी

नई दिल्‍ली. केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि दो पहिया और चार पहिया वाहन जल्द ही सौ फीसदी इथेनॉल (Ethanol) पर चलेंगे, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए अब गडकरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार (Employment) पैदा करने के लिए ड्रोन (Drone) के इस्‍तेमाल किए जाने पर जोर दिया है. उन्‍होंने कहा है कि अगर कृषि क्षेत्र में ड्रोन का इस्‍तेमाल किया जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में 50 लाख से ज्‍यादा रोजगार पैदा हो सकते हैं. गडकरी ने ये बातें नागपुर में एग्रोविजन प्रदर्शनी के समापन समारोह में कहीं.

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा कि उन्होंने अपने दो कैबिनेट सहयोगियों से कृषि क्षेत्र में ड्रोन प्रौद्योगिकी के उपयोग पर नीति का मसौदा तैयार करने की जरूरत पर चर्चा की है. उन्‍होंने कहा कि अब समय आ गया है कि किसान अपने खेतों में ड्रोन से कीटनाकशक का छिड़काव करें और मशीनीकृत छिड़काव से दूरी बनाएं. गडकरी ने कृषि क्षेत्र में विभिन्‍न अवसरों के बारे में बात करते हुए कहा कि मैंने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद सिंह तोमर और केंद्रीय एमएसएमई मंत्री नारायण राणे से कृषि क्षेत्र में ड्रोन के उपयोग पर नीति बनाने और उस पर चर्चा करने की बात कही है. ड्रोन कृषि और एमएसएमई दोनों से संबंधित है और ड्रोन से हर साल ग्रामीण क्षेत्र में लगभग 50 लाख रोजगार पैदा किए जा सकते हैं. ड्रोन से एक ओर जहां रोजगार पैदा होगा वहीं किसानों को भी लाभ होगा. समय आ गया है कि हम खेती के पुराने तरीकों को बदलें और ड्रोन की मदद से अपने खेतों को ज्‍यादा से ज्‍यादा लाभकारी बनाएं.

गडकरी ने कहा कि लिथियम-आयन बैटरी से चलने वाले ड्रोन की कीमत करीब छह लाख रुपये होगी, जबकि इथेनॉल ईंधन से चलने पर इस मानव रहित हवाई वाहन की कीमत लगभग 1.5 लाख रुपये होगी जो काफी सस्ता होगा. उन्‍होंने कहा कि कीटनाशकों के छिड़काव के लिए उन्‍हें चलाने वाले पायलट की जरूरत होगी और इससे रोजगार की बड़ी संभावनाएं खुलेंगी.

किसान सिर्फ अन्नदाता ही नहीं, ऊर्जादाता भी होगा
गडकरी ने इससे पहले कहा था कि मुझे खुशी है कि हमारी सरकार ने निर्णय लिया है कि किसान अन्नदाता ही नहीं ऊर्ज़ादाता भी होगा. अब दोपहिया व चार पहिया वाहन शत-प्रतिशत पेट्रोल के साथ शत-प्रतिशत इथेनॉल से चलेंगे जो किसान का तैयार किया हुआ है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी, प्रदूषण कम होगा और पेट्रोल पर निर्भरता कम होगी. गडकरी ने कहा कि इसके लिए उन्होंने अपनी सहमति स्वरूप हस्ताक्षर भी कर दिए हैं और दो-तीन दिन में इसको लेकर परामर्श जारी हो जाएगा.

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