अलीगढ़ जिले के छर्रा में संचालित आवासीय वृद्धाश्रम में बड़ी लापरवाही सामने आई है। 22 अगस्त को औचक निरीक्षण के दौरान न्यायिक अधिकारियों की शेल्टर होम समिति ने पाया कि रजिस्टर में दर्ज 100 बुजुर्गों में से केवल 85 ही मौजूद थे। यानी 15 बुजुर्ग गायब मिले। इस पर समिति के सदस्य स्तब्ध रह गए।

आश्रम का संचालन अशर्फी ग्रामोद्योग संस्थान नामक एनजीओ करता है। निरीक्षण के लिए एडीजे पारुल अत्री, विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव एडीजे नितिन श्रीवास्तव और न्यायिक अधिकारी महिमा चौधरी पहुंचे थे। पहले तो परिसर में गंदगी और संसाधनों की कमी देखकर वे नाराज हुए, लेकिन जब रजिस्टर मिलान शुरू किया तो मामला और गंभीर हो गया।

स्टाफ से पूछताछ में वे सिर्फ एक बुजुर्ग के बारे में बता सके कि उसे परिजन ले गए हैं। बाकी 14 बुजुर्गों के बारे में कोई दस्तावेज, आवेदन या रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया कि वे कब गए और कब लौटेंगे। समिति ने रसोई, भोजन और रहने की व्यवस्था भी देखी, जहां स्वच्छता को लेकर खामियां पाई गईं।

16 जुलाई से लापता बुजुर्ग का भी नहीं लगा सुराग
निरीक्षण दल के सदस्य नितिन श्रीवास्तव ने बताया कि 16 जुलाई को भी वृद्धाश्रम के निरीक्षण के दौरान एक बुजुर्ग गायब पाया गया था। उस समय भी स्टाफ ने कोई ठोस जानकारी नहीं दी थी। उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज कराई गई थी, लेकिन अब तक उसका कोई पता नहीं चल सका है।

समिति ने पूरी स्थिति पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर डीएम को भेजने और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की संस्तुति करने का निर्णय लिया है।