बागपत। 28 साल की प्रतीक्षा के बाद बागपत में मेडिकल कालेज की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। मीतली गांव में मेडिकल कालेज के लिए भूमि की सभी अड़चनें दूर कर दी गई हैं और कैबिनेट ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। मत्स्य विभाग की 5.6000 हेक्टेयर में से 5.0700 हेक्टेयर जमीन अब निशुल्क चिकित्सा शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है। केवल 0.5300 हेक्टेयर जमीन विवादित बनी हुई है।
मेडिकल कालेज के बनने से न सिर्फ यहां के छात्रों को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा मिलेगी, बल्कि आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। जनवरी 2024 में कैबिनेट की बैठक में बागपत में पीपीपी (सार्वजनिक-निजी साझेदारी) मॉडल के तहत मेडिकल कालेज बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसके लिए जयपाल सिंह शर्मा ट्रस्ट को जिम्मेदारी दी गई थी, जो 101 करोड़ रुपये की लागत से कॉलेज का निर्माण करेगा।
भूमि हस्तांतरण में पिछली बाधाएं, स्थानीय सियासत और पंचायतों की बैठकें अब दूर हो चुकी हैं। मीतली और बड़ौत के बीच उत्पन्न विवाद के बाद, स्थानीय लोगों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर मेडिकल कालेज मीतली में ही स्थापित करने की मांग की थी। अब कैबिनेट की मुहर के बाद यह फैसला अंतिम रूप ले चुका है।
मेडिकल कालेज में 300 बेड होंगे और एमबीबीएस की 100 सीट उपलब्ध होंगी। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, यह कॉलेज जिला अस्पताल के साथ जुड़ा होगा। दोनों संस्थान राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित होंगे, जिससे मरीजों के लिए आवागमन आसान होगा। इससे जिले के करीब 16 लाख लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी और युवाओं को यहां ही एमबीबीएस की पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा।
बागपत जैसे जिले में उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधा और मेडिकल शिक्षा का यह कदम ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए राहत लेकर आएगा। इसके साथ ही मरीजों को बाहर के शहरों में इलाज के लिए लंबी दूरी तय करने की जरूरत नहीं रहेगी और उनके खर्चों में भी कमी आएगी।