लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बिजनौर की जिलाधिकारी (DM) जसजीत कौर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है। जस्टिस मनीष कुमार की सिंगल बेंच ने आदेश दिया है कि अगली सुनवाई 5 जनवरी 2026 को सीजेएम बिजनौर DM जसजीत कौर को पेश करें। कोर्ट के सख्त आदेश के बाद IAS जसजीत कौर चर्चा में आ गई हैं।
IAS जसजीत कौर कौन हैं
जानकारी के अनुसार, जसजीत कौर 2012 बैच की IAS अधिकारी हैं और मूल रूप से पंजाब के अमृतसर की निवासी हैं। उनका जन्म 14 अक्टूबर 1984 को हुआ था। उन्होंने GNDU अमृतसर से अर्थशास्त्र में बीएससी और यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास से कंप्यूटर साइंस में पीजी डिग्री प्राप्त की है। वर्तमान में वह बिजनौर की DM हैं। इससे पहले उनकी तैनाती मेरठ में रही है।
क्यों जारी हुआ वारंट
मामला धामपुर के निवासी विक्रम सिंह की याचिका से जुड़ा है। विक्रम सिंह धनगर समाज महासंघ के अध्यक्ष हैं। उनका आरोप है कि DM जसजीत कौर ने उनके जाति प्रमाण पत्र को उनके रिटायरमेंट से महज आठ दिन पहले निरस्त कर दिया। विक्रम सिंह ने डीएम के इस आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी।
हाईकोर्ट का पूर्व निर्देश और DM की अवहेलना
हाईकोर्ट ने DM को निर्देश दिया था कि वह समाज कल्याण विभाग की विजिलेंस से जांच कराएं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णयों के अनुसार मामला निपटाएं। लेकिन डीएम जसजीत कौर ने बिना जांच कराए एकतरफा आदेश जारी कर मामले को निपटा दिया। इसे कोर्ट ने अपने आदेशों की अवहेलना माना।
सुनवाई के दौरान की स्थिति
अवमानना याचिका की सुनवाई में DM जसजीत कौर स्वयं पेश नहीं हुईं। केवल जिला समाज कल्याण अधिकारी कोर्ट में मौजूद थे। स्टैंडिंग काउंसिल ने भी स्वीकार किया कि DM ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया। कोर्ट ने इसे गंभीर उदासीनता माना और DM के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया।
आगे की कार्रवाई
कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि सीजेएम बिजनौर DM जसजीत कौर को अगली सुनवाई 5 जनवरी 2026 को हर हाल में पेश कराएं।