उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में निलंबन से आहत एक लेखपाल ने आत्महत्या कर ली। बताया गया कि तहसील परिसर में जहर खाने के बाद लेखपाल सुभाष मीणा की गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। इस घटना के विरोध में लेखपाल संगठनों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया और जिला प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।
भ्रष्टाचार के आरोप के बाद हुआ था निलंबन
घटना का सिलसिला 3 जून को धौलाना तहसील के डराना गांव में डीएम की जन चौपाल के दौरान शुरू हुआ, जब एक किसान भूपेंद्र ने सुभाष मीणा पर खसरा-खतौनी की नकल निकालने के बदले रिश्वत लेने का आरोप लगाया था। आरोप लगते ही जिलाधिकारी अभिषेक पांडेय ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया था।
तहसील परिसर में खाया जहर, दिल्ली में हुई मौत
बुधवार को सुभाष मीणा ने तहसील परिसर के बाहर जहरीला पदार्थ निगल लिया, जिसके बाद उनकी हालत बिगड़ गई। पहले उन्हें पिलखुवा के रामा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, जहां से स्थिति गंभीर देखते हुए दिल्ली के मेट्रो हॉस्पिटल रेफर किया गया। गुरुवार सुबह उनका निधन हो गया।
परिवार का आरोप – शिकायतकर्ता ने बनाया था दबाव
परिजनों ने आरोप लगाया है कि शिकायतकर्ता भूपेंद्र ने ₹5 लाख की मांग करते हुए दबाव बनाया था और धमकी दी थी कि पैसे देने पर शिकायत वापस ले लेगा। सुभाष के मना करने पर उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया, जिससे तनाव में आकर उन्होंने यह कदम उठाया।
मुख्यमंत्री योगी ने दिए जांच के आदेश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए मेरठ मंडल के आयुक्त और जोन के पुलिस महानिरीक्षक को जांच के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा भी दिलाया है।
लेखपाल संगठनों का आक्रोश, कलेक्ट्रेट का घेराव
लेखपाल संगठनों ने सुभाष मीणा की मौत को लेकर प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं। उनका कहना है कि बिना प्राथमिक जांच के निलंबन करना अन्यायपूर्ण था। इसको लेकर कर्मचारियों ने कलेक्ट्रेट परिसर में प्रदर्शन किया और मामले की निष्पक्ष जांच तथा डीएम पर कार्रवाई की मांग की।