मेरठ। जीएसटी चोरी के मामले में गिरफ्तार मास्टर माइंड इखलाक की डायरी में मिली 535 फर्मों की जांच राज्य कर विभाग ने पूरी कर ली है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया कि इस गिरोह ने 335 फर्जी फर्मों के माध्यम से देशभर में 5478 करोड़ रुपये का कारोबार दिखाकर 989 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की। वहीं 200 फर्मों पर कोई लेन-देन नहीं पाया गया। राज्य कर विभाग इसे देश की अब तक की सबसे बड़ी जीएसटी चोरी मान रहा है।
एसआईटी ने इखलाक की डायरी में दर्ज फर्मों और मोबाइल नंबरों को राज्य कर विभाग को सौंपा। इसके बाद अपर आयुक्त ग्रेड-1 अशोक कुमार सिंह के नेतृत्व में अधिकारियों ने चार दिनों तक फर्मों की विस्तार से जांच की।
जांच में सामने आया कि 335 फर्जी फर्मों का कारोबार अलग-अलग राज्यों में दर्ज किया गया था। इनमें से 144 फर्मों की जांच पहले ही हो चुकी थी। अब सभी फर्मों की जांच पूरी होने के बाद कुल 989.13 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का पता चला है। सबसे अधिक फर्जी फर्मों के कनेक्शन दिल्ली और गुजरात में मिले हैं।
अपर आयुक्त ग्रेड-2 आरए सेठ ने बताया कि प्राथमिक जांच में एके इंटरप्राइजेज से जुड़ी 122 फर्में सामने आई थीं, जबकि 22 अन्य फर्में ईमेल के माध्यम से पकड़ में आईं। इखलाक की गिरफ्तारी के बाद अब तक 213 फर्मों की पूरी जांच की जा चुकी है, जिनमें 126 फर्में केंद्रीय जीएसटी (CGST) और 87 फर्में राज्य जीएसटी (SGST) से जुड़ी हैं।
इससे पहले मुरादाबाद में 24 और 25 अक्टूबर को राज्य कर विभाग ने लोहे से लदे दो ट्रक पकड़े थे। जांच में पता चला कि इन ट्रकों से जुड़े दो मोबाइल नंबरों पर 144 फर्जी फर्में पंजीकृत थीं, जिनके माध्यम से लगभग 400 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी की गई थी।
दो एफआईआर और एसएसपी के आदेश पर गठित एसआईटी ने मास्टर माइंड इखलाक को गिरफ्तार किया। उसकी डायरी में मिली 535 फर्मों की जानकारी और जांच के बाद अब 989 करोड़ रुपये की जीएसटी चोरी का खुलासा हुआ है।