मेरठ। लोहियानगर थाना क्षेत्र के काजीपुर में रविवार को विकुल चपराणा और उसके तीन साथियों को जेल भेजे जाने के विरोध में सर्वसमाज ने पंचायत का आयोजन किया। इस दौरान भाजपा नेताओं की आलोचना की गई और चेतावनी दी गई कि यदि सात दिन में विकुल चपराणा और अन्य युवकों को निष्पक्ष तरीके से रिहा नहीं किया गया, तो महापंचायत की जाएगी।
शास्त्रीनगर डी ब्लॉक निवासी आशीष रस्तोगी ने 19 अक्टूबर को थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि उनका भाई सत्यम रस्तोगी तेजगढ़ी चौराहे पर अपने दोस्त के साथ खाना खाने गया था, जहां कार पार्किंग को लेकर उनका विवाद भाजपा नेता विकुल चपराणा से हो गया। आरोप है कि विकुल ने अपने साथियों के साथ मिलकर सत्यम और उसके मित्र के साथ अभद्र व्यवहार किया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसके बाद प्रशासन ने मामले की जांच शुरू की थी।
जांच के बाद पुलिस ने गाजीपुर निवासी हैप्पी भड़ाना, सुबोध यादव और आयुष शर्मा को जेल भेजा। वहीं, विकुल चपराणा को शनिवार को दोबारा गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया और जेल भेजा गया। इसे लेकर काजीपुर में रविवार को सर्वसमाज ने पंचायत आयोजित की।
पंचायत में पवन गुर्जर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने छात्रों और विकुल चपराणा पर एकतरफा कार्रवाई की है और भाजपा नेताओं के दबाव में छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया। राजदीप विकल्प ने कहा कि भाजपा नेताओं ने विवाद को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया और प्रशासन से निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की।
पंचायत में मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद और मेरठ के आसपास के गांवों के लोग शामिल हुए। सुरक्षा के मद्देनजर भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। दो घंटे तक चली इस पंचायत में लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया और चेतावनी दी कि यदि मामले का निष्पक्ष समाधान नहीं हुआ, तो महापंचायत बुलाई जाएगी।