मुजफ्फरनगर में भारतीय किसान यूनियन ने किसानों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग और बोर्ड परीक्षा में छात्राओं को गलत प्रश्न-पत्र थमाने के विरोध में प्रदर्शन किया। गुरुवार से खतौली कोतवाली पर 72 घंटे का धरना शुरू कर दिया। इस धरने में किसान अपनी समस्याओं जैसे नलकूप चोरी, गन्ना मूल्य, गन्ना भुगतान और बिजली की समस्याओं का समाधान चाहते हैं।

भाकियू कार्यकर्ताओं में आक्रोश

भारतीय किसान यूनियन ने अपना धरना प्रदर्शन तब शुरू किया जब संगठन के नेता शिवा अहलावत और अंकुश प्रधान के नेतृत्व में अभिभावकों ने खतौली स्थित कबूल कन्या इंटर कॉलेज में कक्षा 12 के सामान्य हिंदी के प्रश्नपत्र को साहित्यिक हिंदी के स्थान पर आवंटित किए जाने के खिलाफ एसडीएम से ज्ञापन देने की कोशिश की थी। इस दौरान पुलिस ने ज्ञापन देने से रोका और संगठन के नेताओं के साथ अभद्रता की। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन ने इस कार्रवाई के खिलाफ कोतवाली पर धरना शुरू कर दिया।

प्रशासन से सीधी वार्ता की कोशिश

धरने की अध्यक्षता भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष चौधरी नवीन राठी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रशासन के साथ हुई वार्ता भी असफल रही, जिसके बाद उन्होंने 72 घंटे का धरना करने का ऐलान किया। चौधरी ने कहा कि धरने के दौरान हर दिन एक विभागीय अधिकारी को बुलाकर किसानों की समस्याओं पर चर्चा की जाएगी। यदि इस दौरान समस्याओं का समाधान नहीं होता है तो यह धरना अनिश्चितकालीन भी हो सकता है।

किसान नेताओं का प्रदर्शन और संगठन की रणनीति

धरने में भारतीय किसान यूनियन के विभिन्न पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी शामिल हुए। संगठन के जिला मीडिया प्रभारी चौधरी शक्ति सिंह ने कहा कि किसानों की समस्याओं को लेकर संगठन का यह प्रदर्शन सिर्फ प्रशासन तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह पूरे जिले में मुद्दे को लेकर एक जन जागरूकता अभियान में भी बदलेगा।

भविष्य की रणनीति और प्रशासन को चेतावनी

भारतीय किसान यूनियन के नेताओं ने साफ किया कि ये धरना एक रणनीतिक पहल है। अगर प्रशासन ने किसानों की समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया, तो आने वाले समय में यह प्रदर्शन और भी बढ़ सकता है। संगठन ने प्रशासन को चेतावनी दी कि किसानों के मुद्दों का समाधान शीघ्र किया जाए, अन्यथा यह आंदोलन और ज्यादा उग्र हो सकता है।