पुलिस भर्ती परीक्षा के फर्जी पेपर को असली बताकर ठगी करने वाले चाचा-भतीजे को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। गिरोह के आठ अन्य सदस्य भी ठगी के धंधे में शामिल हैं। उनकी तलाश भी शुरू कर दी गई है। गिरफ्तार सदस्यों के पास से एक डायरी, दो मोबाइल और एक कार बरामद हुई है। यह गिरोह कई लाख रुपये की ठगी कर चुका है। गिरोह ने पूर्व में लाखों की ठगी की थी और पुलिस भर्ती परीक्षा में 40 से लाखों की रकम वसूलनी थी।

शहर कोतवाली पुलिस ने एक सूचना के आधार पर शामली रोड पर काली नदी पुल पर शामली की तरफ से आई एक कार को रोका। जिसमें दो युवक बागपत के गांव बामनौली निवासी सुनील कुमार व अंकित बैठे मिले। गाड़ी की तलाशी में एक डायरी मिली, जिसमें काफी लोगों के नाम, रोल नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर व जन्मतिथि लिखी थी।इसके बाद दोनों को कोतवाली लाकर पूछताछ की गई। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वे देश-प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल होने वाले परीक्षार्थियों से संपर्क कर उनको परीक्षा में आने वाले प्रश्नपत्रों की कॉपी दिखाकर रुपये ठगते हैं।

फर्जी पेपर प्रश्नपत्र को असली पेपर बताया जाता है। इस धंधे में उनके गिरोह में आठ अन्य साथी भी शामिल हैं।इन्होंने नवंबर 2023 में ग्रामीण डाक सेवा के पेपर में 123 परीक्षार्थियों से ठगी कर मोटी रकम वसूली थी। इसी तरह यूपी पुलिस आरक्षी भर्ती परीक्षा में लगभग 40 परीक्षार्थी इनके संपर्क में थे। उनसे वसूली की जानी थी। गिरफ्तार सुनील चाचा व अंकित उसका भतीजा है। गिरफ्तार दोनों आरोपियों व उनके आठ अन्य साथियों के खिलाफ शहर कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस दोनों आरोपियों के बरामद मोबाइल में फर्जी पेपर की कॉपी बरामद की है।

एसपी सिटी सत्य नारायण प्रजापत ने बताया कि शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया है। आरोपियों का चालान कर उनके फरार साथियों की तलाश शुरू कर दी है।