मुजफ्फरनगर में रामपुर तिराहा कांड में पीड़ितों से हथियारों की फर्जी बरामदगी के मामले में बचाव पक्ष ने जिरह की। सिविल जज सीनियर डिवीजन मयंक जायसवाल ने अगली सुनवाई के लिए आठ अप्रैल की तिथि तय की है।

उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा ने बताया कि सिविल जज सीनियर डिजीवल की अदालत में सीबीआई बनाम बृज किशोर की पत्रावली की सुनवाई हुई। इस पत्रावली में सीबीआई की जांच में सामने आया था कि पुलिस ने पीड़ितों पर फर्जी बरामदगी का केस दर्ज किया था। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने जिरह की है। 

क्या था मामला
एक अक्तूबर, 1994 को अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। देर रात रामपुर तिराहा पर पुलिस ने आंदोलनकारियों को रोकने का प्रयास किया था। पुलिस की फायरिंग में सात आंदोलनकारियों की मौत हो गई थी। सीबीआई ने जांच की। अलग-अलग मामले की सुनवाई अदालत में चल रही है।