मुजफ्फरनगर में चर्चित रामपुर तिराहा कांड की सीबीआई बनाम राधा मोहन द्विवेदी पत्रावली में पीड़िता की अदालत में गवाही कराई गई। आरोपी अदालत में हाजिर हुए। अपर जिला जज एवं सत्र न्यायालय पॉक्सो-2 के पीठासीन अधिकारी अंजनी कुमार सिंह ने सुनवाई की। 

उत्तराखंड संघर्ष समिति के अधिवक्ता अनुराग वर्मा और बचाव पक्ष के श्रवण कुमार एडवोकेट ने बताया कि बृहस्पतिवार को सुनवाई के दौरान आरोपी पेश हुए। उत्तराखंड के गोपेश्वर से पहुंची दूसरी पीड़िता की गवाही पूरी हो गई। इस दौरान पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। किसी विशेष परिस्थिति को छोड़कर अब पत्रावली में रोजाना सुनवाई के आदेश दिए गए हैं। 

यह था मामला
एक अक्तूबर, 1994 की रात अलग राज्य की मांग के लिए देहरादून से बसों में सवार होकर आंदोलनकारी दिल्ली के लिए निकले थे। इनमें महिला आंदोलनकारी भी शामिल थीं। पुलिसकर्मियों ने रात करीब एक बजे रामपुर तिराहा पर बस रुकवा ली गई। आरोप है कि महिला आंदोलनकारियों के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म किया। उत्तराखंड संघर्ष समिति ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 25 जनवरी 1995 को सीबीआई ने पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किए थे, जिसकी सुनवाई चल रही है।