कभी भारतीय किसान यूनियन के ब्रांड एम्बेसडर माने जाने वाले और किसान मसीहा चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के अति विश्वसनीय तथा उनके साथ कदम-ब-कदम चलने वाले ग्राम जौला निवासी गुलाम मौहम्मद जौला का आकस्मिक निधन अति दु:खद समाचार है। भाकियू को किसान वर्ग की सभी जातियों और मजहबों के किसानों को एकजुट करने तथा संगठन को नई ऊचाईयां देने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। भाकियू की हजारों लाखों लोगों की सभाओं का उन्होंने लम्बे समय तक कुशलतापूर्वक संचालन किया। चौधरी टिकैत की मृत्यु के बाद अनेक पुराने सहयोगी भाकियू से पृथक हो गए थे, उनमें वे भी एक थे किन्तु दिल्ली के किसान आंदोलन के समय उन्होने टिकैत बंधुओ का साथ दिया, तथापि भाकियू में उनकी सक्रियता पहले जैसी नहीं रही।

इसे एक संयोग ही कहा जायेगा कि जिस दिन चौधरी साहब की 11वी पुण्यतिथि पर अपने महबूब नेता को श्रद्धासुमन अर्पित करने को सिसौली पहुंचे, उसी दिन संगठन दो फाड़ हो गया और उसके अगले ही दिन जौला साहब दुनिया को अलविदा कह गए। भले ही वे पहले जितने सक्रिय नहीं थे किन्तु संगठन के प्रति उनकी सेवा तथा समपर्णभाव को सदा याद रखा जायेगा। एक संघर्षशील किसान हितैषी नेता के रूप में "देहात" उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

गोविन्द वर्मा

संपादक देहात