माता पिता के मजदूरी पर जाने के बाद छह वर्षीय बच्ची घर पर खेलती रहती थी। फैक्टरी के आवासों में रहने वाले सभी मजदूर बच्ची को बेहद प्यार करते थे। बच्ची आरोपी युवक को चाचा कहती थी।  जिस आवास में मासूम बच्ची की हत्या हुई, वह आवास फैक्टरी मालिकों ने अपने मजदूरों को रहने के लिए बनाकर दिए हैं। सभी लोग आते जाते बच्ची को दुलारते थे, जिस कारण बच्ची ने अंकल व चाचा कहकर सबके साथ एक रिश्ता बना लिया था। वह आरोपी के साथ खेलती भी थी।

बृहस्पतिवार शाम को बच्ची के माता पिता मजदूरी से लौटे तो उन्हें उनकी बेटी आरोपी मानवीर के साथ खेलती मिली। यह देखकर दंपती अपने आवास में चला गया था। आरोपी युवक बच्ची को बहला फुसला कर संभवत: टॉफी देने का लालच देकर अपने कमरे में ले गया और दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी। 

सभी ने सोचा काम पर गया है
आसपास के लोगों ने बताया कि बच्ची के माता पिता सुबह वाली शिफ्ट में मजदूरी पर गए थे। आरोपी युवक को रात वाली शिफ्ट में जाना था। घटना के बाद वह अपने आवास पर ताला लगाकर चला गया था। लोगों ने उसे अकेले जाते हुए देखा था और समझा था कि वह मजदूरी के लिए फैक्टरी जा रहा है। 

कम बात करता था आरोपी
आसपास के लोगों व चाय वाले ने बताया कि आरोपी युवक किसी से भी ज्यादा बात नहीं करता था। कभी किसी के पास उठता बैठता भी नहीं था।

ये है मामला
आसाम का मूल निवासी एक दंपती मंसूरपुर औद्योगिक क्षेत्र की फैक्टरी में लगभग डेढ़ साल से मजदूरी करता है। उनकी छह साल की बेटी थी। बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे दंपती मजदूरी पर चला गया। उनकी बेटी घर पर थी। शाम को दंपती लौटा तो उन्हें अपनी बेटी नीचे आवास में रहने वाले आसाम के जिला नवागांव के थाना समागुड़ी के गांव कटलगुड़ी निवासी मानवीर उर्फ इमानविल के साथ खेलती मिली। यह देख कर दपंती अपने आवास में चला गया। 

कई घंटे तक भी बच्ची घर नहीं पहुंची तो दंपती ने बेटी की तलाश शुरू की। मानवीर के कमरे पर ताला लगा था। कमरे का ताला तोड़ा तो अंदर उनकी बेटी का शव पड़ा मिला। शव पर कंबल डाला गया था। तलाश करने पर आरोपी युवक सुबह बेगराजपुर औद्योगिक क्षेत्र में पैदल जाता मिला। उसने पुलिस को देखकर तमंचे से फायर किया, दोनों पैरों में गोली लगने से वह घायल हो गया।