यूपी में 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री आवास पर बैठक हुई, जिसमें सरकार व संगठन के लोग शामिल हुए। बैठक में एक सीट की जिम्मेदारी तीन मंत्रियों को दी गई हैं। बैठक के बाद बाहर निकले कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई और सभी की जिम्मेदारी तय की गई।

लोकसभा चुनाव में सांसद बने 9 विधायकों की सीटों समेत सीसामऊ सीट पर उप चुनाव होना है। सपा विधायक के अयोग्य घोषित होने से सीसामऊ सीट रिक्त हुई है। जिन 9 सीटों पर उप चुनाव होने हैं, उनमें मिल्कीपुर, कटेहरी, फूलपुर, मझवां, गाजियाबाद सदर, मीरापुर, खैर और कुंदरकी शामिल हैं। पश्चिमी यूपी की मीरापुर सीट पर उपचुनाव होना है, इसे लेकर राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। यहां क्या समीकरण बन रहे हैं आइए जानते हैं।

लोकसभा चुनाव में यूपी में भाजपा को मिली पराजय के बाद पार्टी इन उपचुनाव में बड़ी जीत हासिल कर संदेश देना चाहती है कि भाजपा की पकड़ अभी भी यूपी के मतदाताओं पर मजबूत है। इन चुनाव को विधानसभा चुनाव 2027 की तैयारियों से भी जोड़कर देखा जा रहा है। 

मीरापुर विधानसभा का सियासी अखाड़ा खाली होते ही राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। पुराने दिग्गज भी टिकट के लिए जोर आजमाइश में जुट गए हैं। बसपा और आसपा से टिकट के जुगाड़ के लिए पूर्व विधायक भी जुटे हुए हैं। जातीय समीकरण बनाने की कवायद चल रही है। उपचुनाव में मुस्लिम समाज के प्रत्याशी भी टिकट के लिए जोड़-तोड़ में जुट गए हैं।बसपा से टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक मौलाना जमील का नाम भी शामिल हो गया है। मौलाना इसी सीट से बसपा के विधायक रह चुके हैं। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद बदले सियासी समीकरण में उनके हाथ से यह सीट फिसल गई थीं। सपा से भी टिकट मांगने वालों ने तैयारियां शुरू कर दी है। मुखिया गुर्जर ने क्षेत्र में पहुंचकर जनसंपर्क भी शुरू कर दिया। सपा से राकेश शर्मा, लतेश बिधुड़ी और इलम सिंह गुर्जर के नाम भी टिकट के दावेदारों में शामिल हैं।

भाजपा-रालोद गठबंधन में अगर यह सीट रालोद के हिस्से में आती है तो पूर्व सांसद मलूक नागर के बेटे अक्षय नागर के अलावा रामनिवास पाल, अजीत राठी और संजय राठी का नाम भी टिकट की दौड़ में है। भाजपा के हिस्से में सीट आने की स्थिति में अमित राठी, अभिषेक गुर्जर समेत अन्य नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। पूर्व सांसद राजपाल सैनी अपने बेटे शिवान सैनी के लिए टिकट का दावा कर सकते हैं। आसपा से टिकट के दावेदारों में पूर्व विधायक शाहनवाज राना का नाम भी चर्चा में शामिल है।

महिलाएं भी टिकट की दावेदार
उप चुनाव में मीरापुर सीट पर अलग-अलग राजनीतिक दल से महिलाएं भी टिकट की दावेदार हैं। बिजनौर सांसद चंदन चौहान की पत्नी यशिका चौहान, पूर्व विधायक मिथलेश पाल और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रमा नागर भी टिकट के दावेदारों में शामिल बताई जा रही हैं।

मोरना/मीरापुर से कब कौन पहुंचे विधानसभा

सालपार्टीविधायक
1967कांग्रेसराजेंद्र दत्त त्यागी
974 कांग्रेस नारायण सिंह  
1977 जनता पार्टी नारायण सिंह  
1980 जनता एस मेहंदी असगर  
1985 कांग्रेस सईदुज्जमां  
1989 जनता दल अमीर आलम  
1991 भाजपा रामपाल सिंह  
1993 भाजपा रामपाल सिंह  
1996 सपा संजय सिंह  
2002 बसपा राजपाल सैनी  
2007 रालोद कादिर राना  
2009 रालोद मिथलेश पाल  
2012 बसपा मौलाना जमील  
2017 भाजपा अवतार भड़ाना  
2022 रालोद चंदन चौहान  

मीरापुर में जातियों को साधने का गणित
उप चुनाव में इस बार बसपा और आसपा की नतीजों में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। नगीना सीट पर जीत के बाद मीरापुर के उप चुनाव में आसपा से टिकट मांगने वालों की कतार लगनी शुरू हो गई है। दलित-मुस्लिम समीकरण के सहारे दावेदार बसपा या आसपा से टिकट चाहते हैं। एनडीए गठबंधन अति पिछड़ा वर्ग को टिकट दे सकता है।

चर्चा में नाम, इनकार कर रहे बालियान
भाजपा-रालोद गठबंधन से पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान का नाम भी खूब चर्चा में चल रहा है। लेकिन बालियान कई बार विधानसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर चुके हैं। पिछले दिनों उनकी रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी से मुलाकात भी चर्चाओं में रही थी।