शहर की पॉश कॉलोनी वसंधुरा में ऑटोमोबाइल कंपनी में काम करने वाले धर्मेंद्र आर्य (35) की उसके दोस्त ने ही धारदार हथियार से वार कर हत्या कर दी। लाश को तीन दिन तक घर में ही छिपाए रखा। रेहड़े में रखवाकर शव को मंसूरपुर क्षेत्र में फिंकवा दिया। पुलिस ने आरोपी से पूछताछ की तो वारदात का खुलासा हुआ।

शहर के अवध विहार निवासी धर्मेंद्र आर्य (35) और मूल रूप से दिल्ली के कृष्णा नगर और वर्तमान में वसुंधरा कॉलोनी निवासी रोहित जानसठ रोड स्थित ऑटोमोबाइल कंपनी में एक साथ काम करते थे। दो माह पहले रोहित ने काम छोड़ दिया था। शनिवार को धर्मेंद्र आर्य कंपनी से  तीन लाख 64 हजार रुपये और चेक लेकर बैंक में जमा करने के लिए निकला था, लेकिन इसके बाद गायब हो गया।

परिजन और कंपनी के कर्मचारी उसकी तलाश कर रहे थे। शक होने पर पुलिस ने रोहित को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो हत्या की वारदात का खुलासा हुआ। सोमवार शाम करीब चार बजे बोरे में बंद उसका शव मंसूरपुर थाना क्षेत्र के जड़ौदा गांव के पास होटल के पीछे पड़ा मिला।धर्मेंद्र आर्य रुपये लेकर आरोपी रोहित के वसुंधरा कॉलोनी स्थित घर पर आया था।

दोनों के बीच रुपयों के लेन-देन को लेकर विवाद हो गया। रोहित ने धारदार हथियार से वार कर उसकी हत्या कर दी। शव को आरोपी तीन दिन तक घर में ही छिपाए रहा। सोमवार को एक रेहड़े को किराए पर बुलाकर लाश को ठिकाने लगवा दिया। लेकिन इस बीच परिजनों के शक जताने पर पुलिस ने आरोपी को पकड़ लिया। पुलिस ने आरोपी से नकदी बरामद कर ली है। पूछताछ की जा रही है।