कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और उद्यमी एवं भाजपा नेता सत्य प्रकाश रेशू के बीच खींचतान में समझौता हो गया है। सुबह उत्पीड़न और पलायन की बात करने वाले रेशू ने शाम को कहा कि उनके पास गलत जानकारी थी।
शुक्रवार को दोनों पक्षों के बीच रार में सुलह के लिए जानसठ रोड पर व्यापारी सुरेंद्र कुमार अग्रवाल के आवास पर बैठक हुई। कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल और उद्यमी सत्यप्रकाश रेशू पहुंचे। दोनों पक्षों में काफी देर तक बातचीत हुई।
इसके बाद रेशू ने बयान जारी किया कि गलत सूचना उनके पास थी। समझौते पर दोनों पक्षों के हस्ताक्षर भी हैं। इस मौके पर कुंज बिहारी अग्रवाल, पवन गोयल, विपुल भटनागर, प्रमोद मित्तल मौजूद रहे।
पहले यह बोले थे सत्यप्रकाश
शहर के परिक्रमा मार्ग स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में रेशू ने कहा कि सिंचाई विभाग के टेंडर को बिना वजह रद्द करा दिया गया। मंत्री को हमने हर संभव सहयोग किया, लेकिन वह अपने कद से छोटी बातों में उलझ रहे हैं। उनके स्टाफ के लोग आकर ही असलियत बताते हैं। अब हम बड़ी लकीर खींचने के लिए तैयार हैं। क्रांति सेना के अध्यक्ष ललित मोहन शर्मा, मास्टर विजय सिंह, सभासद अमित पटपटिया, जयप्रकाश गर्ग मौजूद रहे।
नौटंकी कर रहे हैं सत्यप्रकाश रेशू : कपिल देव
समझौते से पहले कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि सारे आरोप बेबुनियाद हैं। सत्यप्रकाश रेशू नौटंकी कर रहे हैं। मेरी छवि को खराब करने की कोशिश है। लेकिन जनता सारी हकीकत जानती है। योजनाबद्ध तरीके से यह आरोप लगाए जा रहे हैं। हम विकास कार्य कराते रहेंगे।
सिंचाई विभाग ने जारी किए थे नोटिस
सिंचाई विभाग ने नोटिस जारी कर कहा था कि रेशू एडवरटाइजर्स की नहर, रजबहों, माइनर्स व नालों के पुलों की दोनों ओर पटरियों पर विज्ञापन पट लगाने की अवधि दिनांक 23 अप्रैल को समाप्त हो गई है। होर्डिंग हटाने के लिए तीन बार नोटिस भेजे गए थे। अभी तक होर्डिंग नहीं हटाए गए, जिस कारण नई टेंडर प्रक्रिया भी नहीं हो सकी।
कपिल-रेशू के बीच इसलिए तनानती
समाजसेवी सत्यप्रकाश रेशू की रेशू एडवरटाइजर्स कंपनी पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलावा उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल समेत अन्य राज्यों में बिजनेस करती है। जबकि कौशल विकास राज्यमंत्री कपिल देव अग्रवाल के भाई ललित अग्रवाल भारती एडवरटाइजर्स के पश्चिम यूपी और उत्तराखंड में होर्डिंग हैं। माना जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच हितों के टकराव को लेकर यह मामला सामने आया है।