केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन को गए श्रद्धालु रविवार सुबह गांव पहुंच गए। श्रद्धालुओं का कहना है वह मौत के मुंह से निकल घर वापस आ गए। पहाड़ों पर एक किमी से ज्यादा ऊंचाई पर ऊपर चढ़कर 23 किमी पीड़ादायक रास्ते पर चलने का जोखिम भी लेना पड़ा। बेसब्री से इंतजार कर रहे परिजनों ने राहत महसूस की।
केदारनाथ से लौटे डॉ. बॉबी सिंह ने बताया कि पहाड़ों पर प्राकृतिक आपदा में प्रशासन के प्रयास नाकाफी है। शुक्रवार सुबह दर्शन कर लिए थे। लेकिन रास्ता बहने के कारण पार्किंग तक पहुंचने का कोई साधन नहीं बचा। प्रशासन केदारनाथ के हेलीपैड से हेलिकॉप्टर से श्रद्धालुओं को निकालने का दावा किया गया।
लेकिन भारी भीड़ होने के कारण पुलिस व्यवस्था नहीं बना सकी। उनका कहना है प्रशासन दावे करता रहा कि रास्ता साफ हो गया है। लेकिन मौके हकीकत कुछ ओर थी। मजबूरी में उन्होंने केदारनाथ से पैदल चलना शुरू किया। रास्ता कहीं साफ नहीं मिला। पौड़ी मार्ग पर सोनप्रयाग के निकट गंगा का पुल टूटा होने के कारण वापसी का कोई रास्ता नहीं था।
पहाड़ों पर दलदल और दूसरी तरफ गंगा
खतरों से खेलते हुए पहाड़ों पर चढना शुरू किया, लेकिन बारिश के कारण भूस्खलन और दलदल में बड़ी परेशानी उठानी पड़ी। यह क्षण यात्रा सबसे खतरनाक रहा। रस्सों के सहारे एक किमी से अधिक ऊंचाई पर चढ़ना पड़ा। सब श्रद्धालुओं की जुबां पर बस भोले नाथ का नाम था।
सोन प्रयाग से बाइकों से पहुंचे गांव
बॉबी सिंह के साथ अंकित पुंडीर, जितेंद्र, रणधीर सिंह, मिटठू, सत्तन, जितेंद्र, राजीव और पंकज सब वापस आ गए। सोन प्रयाग से शनिवार दोपहर बाद चलकर अलसुबह गांव पहुंचे तो परिजनों ने राहत की सांस ली।
केदारनाथ दर्शन को गया युवक लापता
मीरापुर। ग्राम हाशमपुर से अपने साथी के संग बाइक से केदारनाथ दर्शन को गया युवक गंगोत्री-केदारनाथ मार्ग पर लापता हो गया। पीड़ित परिजनों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। 23 जुलाई को रामराज के ग्राम हाशमपुर निवासी 24 वर्षीय दुष्यंत प्रजापति अपने दोस्त निक्की के साथ केदारनाथ दर्शन करने गया था। 31 जुलाई सुबह के समय यात्रा के दौरान गंगोत्री में दुष्यंत की बड़े भाई जोनी से मोबाइल फोन पर बात हुई। इस दौरान दुष्यंत प्रजापति ने परिजनों से गंगोत्री से केदारनाथ जाने की बात बताई थी। उसके बाद से दुष्यंत का मोबाईल फोन स्विच ऑफ आ रहा है।
वहीं, दुष्यंत के दोस्त निक्की ने गुरुवार को एक पुलिसकर्मी के फोन से घर फोन करके बताया कि यात्रा के दौरान हरिद्वार के रास्ते मे उसका फोन कही निकलकर गिर गया है। गंगोत्री से केदारनाथ यात्रा के दौरान दुष्यंत व निक्की रात्रि में जंगल मे रास्ता भटक गए थे। दुष्यंत ने डायल 112 नंबर पर कॉल कर रास्ता भटकने की जानकारी दी।
फिर मोबाइल डिस्चार्ज हो गया। वह रास्ते में भटककर जंगल में गुम हो गया। केदारनाथ यात्रा के दौरान रास्ते मे मेडिकल परीक्षण में निक्की का ऑक्सीजन लेवल कम मिला। जिस पर उसे आगे जाने नहीं दिया। जिसके बाद वह तो केदारनाथ पहुंच गया। लेकिन दुष्यंत का कोई सुराग नही लग पाया है। परिजनों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है।