शाहपुर के गांव बसधाड़ा में सर्दी से बचने के लिए तशले में जलाकर रखे गए अलाव की आग में दिव्यांग कपिल जाटव (26) जिंदा जल गया। कई घंटे बाद परिजन पहुंचे तो उन्हें युवक का जला हुआ शव मिला। सूचना पाकर ग्रामीण एकत्र हो गए। पुलिस ने भी पहुंच कर मामले की जानकारी ली।
गांव बसधाड़ा निवासी राजवीर जाटव का 26 वर्षीय बेटा कपिल शारीरिक व मानसिक रूप से दिव्यांग था। बोलने व सुनने में असमर्थ था। उसका एक हाथ काम करता था। उसके पैरों में भी दिव्यांगता थी। राजवीर जाटव राज मिस्त्री है। वह सुबह अपने छोटे बेटे के साथ गांव दिनकरपुर में एक स्कूल में चिनाई का काम करने गया था। घर पर उसकी पत्नी व पुत्रवधू थी। पुत्रवधू की तबीयत खराब चल रही है। जबकि कपिल घेर में था। शुक्रवार सुबह के समय दोनों घेर में काम करने के बाद वापस घर आ गई थीं। उन्होंने सर्दी से बचाव के लिए कपिल की चारपाई से कुछ दूर तशले में अलाव जलाकर रखा था।
युवक चारपाई पर बैठा था। इसी दौरान वह आग की चपेट में आ गया। जिंदा जलकर उसकी मौत हो गई। दोपहर के समय महिलाएं घेर में पहुंची तो उन्हें कमरे में धुआं निकलता मिला। कमरे में युवक जली हालत में पड़ा था। यह देखकर महिलाओं ने शोर मचाकर आसपास रहने वाले लोगों को सूचना दी। युवक का भाई व पिता पहुंच गए।
सूचना पाकर शाहपुर थाना पुलिस भी पहुंची। थाना पुलिस ने बताया कि युवक ने अपने एक हाथ से दूर रखे तशले को संभवत: पास में खींचा और इस दौरान रजाई तशले पर गिर गई। इससे बिस्तर, कपड़े व चारपाई में आग लग गई। चूंकि युवक बोल नहीं सकता था। इसी के चलते कोई मदद को नहीं आ सका। उधर, घटना से परिवार व गांव में शोक है।