मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान नंगला मंदौड़ पंचायत के परिवाद के मामले में पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व विधायक उमेश मलिक और साध्वी प्राची आर्या समेत अन्य आरोपी अदालत में पेश हुए। पूर्व मंत्री सुरेश राणा और पूर्व सांसद कुंवर भारतेंद्र समेत अन्य आरोपियों की ओर से हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दिया गया। प्रकरण की दूसरी पत्रावली का रिवीजन सेशन कोर्ट में दाखिल होने के कारण अदालत ने 17 अगस्त की तारीख नियत कर दी है। आरोप तय नहीं हो पाए।

नंगला मंदौड़ इंटर कॉलेज के मैदान पर 31 अगस्त 2013 को हुई पंचायत के मामले में तत्कालीन एडीएम प्रशासन की ओर से 21 आरोपियों के खिलाफ धारा 188 में परिवाद दर्ज कराया गया था। प्रकरण की सुनवाई सिविल जज सीनियर डिवीजन/विशेष एमपी एमएलए कोर्ट के पीठासीन अधिकारी देवेन्द्र सिंह फौजदार कर रहे हैं।

तीन मुकदमों की एक साथ सुनवाई
अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने कहा कि पंचायत की तीन पत्रावलियां हैं, जिनमें एक का सेशन कोर्ट में रिवीजन दाखिल किया गया है। तीनों मुकदमों की एक साथ सुनवाई पर भी दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने अपने-अपने तर्क दिए। अदालत ने प्रार्थना पत्र के निस्तारण के लिए 17 अगस्त नियत कर दी है। पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व विधायक उमेश मलिक, साध्वी प्राची आर्या, वीरेंद्र सिंह, बिट्टू सिखेड़ा और मिंटू अदालत में पेश हुए।

इनके खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा
परिवाद में पूर्व मंत्री सुरेश राणा, सपा सांसद हरेंद्र मलिक, पूर्व मंत्री डॉ. संजीव बालियान, पूर्व सांसद भारतेंद्र सिंह, पूर्व सांसद सोहनवीर सिंह, पूर्व विधायक अशोक कंसल, पूर्व विधायक उमेश मलिक, श्यामपाल, बिटूटू सिखेड़ा, एमएलसी अशोक कटारिया, साध्वी प्राची, वीरेंद्र सिंह, यशपाल पंवार, नृसिंहानंद उर्फ दीपक त्यागी, कल्लू, योगेश, सचिन, रविंद्र मिंटू और शिव कुमार नामजद किए गए थे।

दस साल पहले हुआ था परिवाद
इस मामले में पहले पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। बाद में तत्कालीन एडीएम प्रशासन ने धारा 188 का परिवाद दर्ज कराया। मामले की विवेचना एसआई बडे़लाल ने की थी। आरोपियों ने हाईकोर्ट से जमानत कराई थी। दो अलग-अलग मुकदमे चल रहे हैं। अभियोजन ने दोनों की सुनवाई एक साथ करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है।