शिक्षक अब पुरानी पेंशन के लिए भाकियू के साथ मिलकर साझा लड़ाई लड़ेंगे। भाकियू ने शिक्षक प्रकोष्ठ का गठन किया है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष रविंद्र सिंह सीमली को बनाया गया।

भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि पुरानी पेंशन सरकारी कर्मचारियों का हक है। शिक्षक और कर्मचारी वर्ग की लड़ाई गांव से लेकर लखनऊ और दिल्ली तक लड़ी जाएगी। नौकरियां खत्म करना और अग्निवीर जैसी व्यवस्था बना स्वच्छ लोकतंत्र के लिए सही नहीं है।

सरकुलर रोड स्थित सिद्धार्थ बैंक्वट हॉल में शिक्षक किसान गोष्ठी हुई। भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि बेसिक शिक्षकों के लिए पूर्व में बनी ट्रांसफर पॉलिसी बनवाने में  संगठन का योगदान रहा था। शिक्षक समाज का आईना होते हैं।

 वर्तमान की जरूरत तकनीकी शिक्षा  को गांव तक पहुंचाने की है। शिक्षक क़ी पोस्टिंग ऐसे स्थान पर होनी चाहिए,  जो सुगम और उसके घर के नज़दीक हो। शिक्षकों से गैर शिक्षण कार्य लेना गलत है। 

भाकियू के महासचिव व पुरकाज़ी नगर पंचायत चेयरमैन ज़हीर फारुकी ने कहा क़ी देश का किसान पहले ही परेशान था। अब शिक्षक समाज को परेशान किया जा रहा है।

सरकार बेसिक शिक्षकों से काम तो लेना चाहती है। मगर उन्हें  पुरानी पेंशन नहीं देना चाहती है। शिक्षकों का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा। अध्यक्षता ममता माधुरी और  संचालन डॉ. संजीव कुमार व मेराज खालिद रिज़वी ने संयुक्त रूप से किया।

स्कूलों में पद पड़े खाली, नियुक्ति नहीं कर रही सरकार
भाकियू जिलाध्यक्ष योगेश शर्मा ने कहा कि भाकियू 72 देशों में सक्रिय है। किसान व गरीब क़ी लड़ाई लड़ने का रिकॉर्ड संगठन के नाम रहा। अब शिक्षकों की लड़ाई लड़ी जाएगी। 15 साल से बेसिक शिक्षा विभाग में हेड मास्टर पद पर प्रमोशन ही नही हुए यह सोचनीय बात है।  शिक्षकों क़ी समस्याओं को यूनियन गोद लेने को तैयार है।

 इस तरह किया गया शिक्षक प्रकोष्ठ का गठन
भाकियू के शिक्षक प्रकोष्ठ का गठन किया गया।  सीमली में शिक्षक रविंद्र सिंह को  वेस्ट यूपी का अध्यक्ष और रामरतन वर्मा को जिलाध्यक्ष नियुक्त किया गया।  इसके अतिरिक्त अनिल कुमार शर्मा को जिला महामंत्री मनोनीत किया गया।
 
बच्चों के हाथ में पौधे और सुरक्षा की जिम्मेदारी दो

 शिक्षक और किसान संवाद में आह्वान किया गया कि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बच्चों से पौधरोपण कराएं। पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी बच्चों को दें। पर्यावरण बचाना वर्तमान की सबसे बड़ी जरूरत है।