मेरे लिय यह अत्यंत दु:खद और पीड़ादायक समाचार है कि मेरी मुँह बोली बहिन मंजू भसीन (70 वर्ष) का गाजियाबाद में 15 सितम्बर, 2024 को निधन हो गया। मंजू बहुत दिनों से बीमार चल रहीं थीं। वे कई दिनों से आईसीयू में थीं।

मंजू भसीन अविभाजित गुजरांवाला निवासी मुलखराज चड्ढा की पुत्री थी। मुलखराज चड्ढा और उनके छोटे भाई किरपा राम चड्ढा 1947 के विभाजन के समय लाला मूसा से मुज़फ्फरनगर चले आये थे। स्वर्गीय किरपा राम चड्ढा के पुत्र चंदर से मेरी अभिन्न मित्रता व हार्दिक भाईचारा था। चड्ढा परिवार से आज भी मेरा सम्बन्ध एक परिजन जैसा ही है।

मंजू भसीन चंदर के ताऊ जी की पुत्री थीं। वे मुझे भाई के समान स्नेह करती थीं। उन्होंने डीएवी कॉलेज मुजफ्फरनगर से एलएलबी करने के पश्चात् भाई होती लाल शर्मा जी के साथ मिलकर मुज़फ्फरनगर कचहरी में कुछ दिनों प्रैक्टिस भी की। उनके पति स्व. रवि भसीन बहुत मिलनसार प्रकृति के सज्जन पुरुष थे।

जब होती लाल जी और मैं उनके गांधी कॉलोनी, मुज़फ्फरनगर स्थित मकान पर जाते तो बड़े प्रेम से गुड़ के मीठे चावल खिलाते थे। दोनों का स्वभाव गुड़ जैसा ही मीठा था।

मृत्यु से 4 दिन पूर्व मंजू भसीन हरिद्वार स्थित लालद्वारा में अपने भाई विजय चड्ढा से मिलने गई थीं। हरिद्वार से लौटते ही आईसीयू से चली गईं।

उनके पुत्र चि. अश्वनी भसीन व बेटी सौ. तनवी ने अपनी माता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रभु को यही मंज़ूर था। ईश्वर बहिन मंजू की आत्मा को शांति प्रदान करें। ओ३म् शांति, शांति, शांति !

गोविन्द वर्मा