कृषि विभाग का दावा है कि हर जिले में यूरिया का स्टॉक सात से 10 दिन तक का मौजूद है। लेकिन हकीकत यह है कि कई जिलों में किसानों को यूरिया के लिए कतार में खड़ा होना पड़ रहा है और कुछ जगह प्रदर्शन भी हो रहे हैं। विभाग के आंकड़ों के मुताबिक कुल 16 लाख मीट्रिक टन खाद उपलब्ध है, जिसमें करीब छह लाख मीट्रिक टन यूरिया शामिल है। कई कंपनियों के रैक रास्ते में हैं और दो दिनों में डिलीवरी हो जाएगी।
इस बीच, कुछ जिलों में वितरण की नई रणनीति बनाई गई है। जहां मंगलवार को यूरिया का वितरण हुआ, वहां बुधवार की बजाय बृहस्पतिवार को वितरण किया जाएगा, जबकि बुधवार को अन्य समितियों पर खाद दी जाएगी। इस तरह पूरे जिले की समितियों पर बारी-बारी से वितरण होगा।
हालांकि, मंगलवार को अयोध्या में वितरण के दौरान हंगामा भी हुआ। खंडासा के कुरावन सहकारी किसान केंद्र पर पुलिस ने लाठीचार्ज कर स्थिति नियंत्रित की। साधन सहकारी समिति जजवारा अड़सठ पर धक्का-मुक्की के दौरान सचिव को चोट आई। तेलियागढ़ की सहकारी समिति पर भी किसानों ने प्रदर्शन किया।
बाराबंकी में 6,599 मीट्रिक टन यूरिया उपलब्ध होने का दावा किया गया है और रोस्टरवार वितरण की रणनीति अपनाई गई है। बलरामपुर में किसान सुबह से ही लाइन में खड़े नजर आए। सुल्तानपुर, अमेठी, सीतापुर और गोंडा में भी सुबह से ही किसानों की लंबी कतार लगी रही।
सिद्धार्थनगर में टोकन व्यवस्था से यूरिया बांटी जा रही है। बृहस्पतिवार को 1,600 मीट्रिक टन अतिरिक्त यूरिया पहुंचने वाली है। बेल्टीकर की सहकारी समिति से खाद राजस्व निरीक्षक और पुलिस की मौजूदगी में बांटी गई। महराजगंज जिले में एक ही किसान अलग-अलग समितियों में लाइन में खड़ा नजर आया, जिससे परेशानी बढ़ी। देवरिया में 161 समितियों में 17,000 मीट्रिक टन की तुलना में अब तक 15,636 मीट्रिक टन खाद पहुंची है।
बस्ती में कई जगह पीओएस मशीन का सर्वर प्रभावित होने के कारण वितरण नहीं हो पाया। 24 जुलाई तक जिले में लक्ष्य से 56 प्रतिशत अधिक वितरण हो चुका है, जिसमें जांच में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आईं।
सोनभद्र के कोन ब्लॉक में मंगलवार को बीडीओ और सहकारी अधिकारियों की मौजूदगी में यूरिया वितरित की गई। करीब 200 किसानों को खाद मिली, जबकि 300 से अधिक लौट गए। समितियों पर 267 रुपये प्रति बोरी मिलने वाला यूरिया निजी दुकानदार 400 से 500 रुपये में बेच रहे हैं। किसानों को जिंक और सल्फर भी वितरित किया जा रहा है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि निजी कंपनियों से लगातार संपर्क बनाए रखा जा रहा है और दो दिन में अतिरिक्त रैक आ जाएगा। जिलों में पर्याप्त खाद उपलब्ध है। किसानों से अपील है कि वे घबराएं नहीं और आवश्यकता अनुसार ही खाद लें। कालाबाजारी रोकने और आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं।