वाराणसी: 30 थानों में लागू होगी कमिश्नरेट व्यवस्था, सर्किल की संख्या होगी 9

कानून व्यवस्था को और पुख्ता करने के लिए वाराणसी जिले में लागू पुलिसिंग की दो व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। अब पूरे जिले के सभी थानों पर पुलिस आयुक्त की निगरानी में एक जैसी पुलिसिंग कराई जाएगी। कैबिनेट से मंजूरी के बाद अब अधिकारियों को नई व्यवस्था पर अमल के लिए अधिसूचना का इंतजार है। इसके बाद जिले के 30 थानों को तीन जोन में बांटकर कमिश्नरेट व्यवस्था शुरू की जाएगी। इससे ग्रामीण क्षेत्र में भी पुलिस के कामकाज में प्रशासनिक दखल कम हो जाएगा।

नई व्यवस्था लागू होने के बाद अलग-अलग संसाधन और इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाले खर्चे कम होंगे तो वहीं, वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान अलग जोन होने के कारण आपसी समन्वय में परेशानियां भी खत्म होंगी। कमिश्नरेट पुलिस में ट्रैफिक व्यवस्था और साइबर सेल भी अब एक सामान होगा। फरियादियों में भी असमंजस की स्थिति अब नहीं रहेगी।

 एक जगह से पूरे जिले की कमांड
पुलिस आयुक्त जिले में एक ही होंगे। एक जगह से पूरे जिले की कमांड आसानी से हो सकेगी। गुरुवार को कैबिनेट बैठक में वाराणसी कमिश्नरेट का दायरा बढ़ाने पर मुहर लगी। पुलिस आयुक्त  ए सतीश गणेश ने कहा कि शासन स्तर से अधिसूचना जारी होने के बाद नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। उम्मीद है कि इस सप्ताह अधिसूचना जारी हो सकती है।

बढ़ेगी जोन और सर्किल की संख्या

वाराणसी कमिश्नरेट में अभी दो जोन काशी और वरुणा है। हालांकि ग्रामीण पुलिस के शामिल होने के बाद एक और जोन बनेगा। रूरल जोन बनाया जा सकता हैं। इसके अलावा सर्किल की संख्या छह से बढ़कर 9 या 10 हो सकती है।

छह सर्किल में सारनाथ, कोतवाली, दशाश्वमेध, भेलूपुर, चेतगंज और कैंट बनाया गया। जबकि ग्रामीण के पिंडरा, बड़ागांव और सदर को जोड़ते हुए सर्किल की संख्या नौ हो जाएगी। पुलिस उच्चाधिकारियों के अनुसार आवश्यकतानुसार कुछ क्षेत्र को अलग करते हुए सर्किल की संख्या 10 भी संभव है।  

वीआईपी मूवमेंट और त्योहारों पर समन्वय में नहीं होगी परेशानी

पुलिस उच्चाधिकारियों के अनुसार एक ही जिले में पुलिस की दो अलग व्यवस्था होने के चलते आपसी समन्वय स्थापित करने में काफी दिक्कतें होती थी। वीआईपी और वीवीआईपी मूवमेंट, त्योहार के दौरान यह परेशानियां और बढ़ जाती थी। कहीं कोई घटना होती थी तो ग्रामीण और कमिश्नरेट सीमा विवाद की स्थिति बन जाती थी।

आपराधिक घटना या कोई बड़ी बात होने पर शासन में बैठे पुलिस अधिकारियों को भी वाराणसी ग्रामीण और कमिश्नरेट को लेकर भ्रम की स्थिति हो जाती थी। दूसरी बात कि अलग व्यवस्था होने पर पुलिस विभाग को दोहरा खर्च वहन करना पड़ता था। 

मार्च 2021 में  वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस का गठन

बेहतर पुलिसिंग के लिए मार्च 2021 को वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस का गठन किया गया था। इसमें शहर के 18 थानों को कमिश्नरेट में शामिल किया गया था। ग्रामीण पुलिस अलग होते ही संसाधन भी अलग हो गए। पुलिस लाइन दो बन गई। ट्रैफिक व्यवस्था में बंटवारा हो गया। ग्रामीण पुलिस कार्यालय हरहुआ स्थित किराये के भवन में संचालित होने लगा।
 अब कमिश्नरेट में ग्रामीण पुलिस के 12 थाने राजातालाब, रोहनिया, जंसा, मिर्जामुराद, कपसेठी, बड़ागांव, लोहता, चौबेपुर, चोलापुर, सिंधोरा, फूलपुर और बड़ागांव स्थित महिला थाना भी शामिल हो गया। कमिश्नरेट के थानों में कोतवाली, आदमपुर, रामनगर, भेलूपुर, लंका, चितईपुर, मंडुवाडीह, चेतगंज, जैतपुरा, सिगरा, कैंट, शिवपुर, सारनाथ, लालपुर-पांडेयपुर, दशाश्वमेध, चौक, लक्सा, महिला थाना और पर्यटक थाना शामिल है। हो सकता है कि कमिश्नरेट बनने पर पूरे जिले में महिला थाना एक हो जाए।   

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