अडानी ग्रुप पर अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट सामने आने के बाद से बवाल मचा हुआ है। एक तरफ जहां बाजार में समूह की कंपनियों के शेयर धाराशायी हो रहे हैं। वही, दूसरी तरफ केंद्र सरकार पर विपक्षी दल समूह की जांच कराने की मांग को लेकर संसद नहीं चलने दे रहे। इस उठापटक के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ खुलकर गौतम अडानी के समर्थन में आ गया है। संघ के अंग्रेजी मुखपत्र ऑर्गनाइजर में छपे एक आलेख में इस पूरे विवाद को सुनियोजित साजिश करार दिया गया है।
ऑर्गनाइजर में छपे आलेख के मुताबिक, अडानी समूह के मुखिया गौतम अडानी को बदनाम करने की कवायद हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने से काफी पहले शुरू कर दी गई थी। इसकी शुरूआत ऑस्ट्रेलिया में तब हुई, जब अडानी को वहां एक कोयला प्रोजेक्ट मिला था। केवल समूह को बदनाम करने के लिए ऑस्ट्रेलिया में एक वेबसाइट की शुरूआत की गई, जिसका नाम अडानीवॉचडॉटओआरजी है। खुद को पर्यावरण हितैषी बताने वाला एनजीओ बॉब ब्राउन फाउंडेशन (बीबीएफ) इसे संचालित करता है।
अडानी की छवि को नुकसान पहुंचाना एकमात्र मकसद
आलेख में कहा गया कि अडानी का विरोध केवल ऑस्ट्रेलिया के कोयला खदान तक सीमित नहीं रहा बल्कि दुनियाभर में जहां – जहां अडानी समूह को प्रोजेक्ट मिला, उसके बारे में इस वेबसाइट पर रिपोर्ट छपती रही। बीबीएफ नामक इस एनजीओ का एकमात्र मकसद अडानी की छवि को नुकसान पहुंचाना है। इसके प्रोपेगेंडा लेख भारतीय राजनीति, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता आदि में घुसपैठ करते हैं। बीबीएफ पर भारत की सत्तारूढ़ पार्टी के खिलाफ कड़ा रूख और विपक्ष के खिलाफ नरम रूख अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा गया कि वे कांग्रेस या टीएमसी शासित राज्यों में अडानी के प्रोजेक्टों को जानबूझकर निशाना नहीं बनाते हैं।
भारतीयों की एक लॉबी ने तैयार की निगेटिव स्टोरी
संघ का कहना है कि अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद भारतीयों की एक लॉबी ने अडानी समूह के खिलाफ नकारात्मक कहानी गढ़ी। इस लॉबी में वाम विचारधारा से जुड़े देश के कुछ प्रसिद्ध प्रोपेगंडा वेबसाइयों और एक बड़े वामपंथी नेता की पत्रकार पत्नी शामिल हैं।
हिंडनबर्ग के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल
अडानी समूह – हिंडनबर्ग विवाद अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। एडवोकेट एमएल शर्मा ने हिंडनबर्ग रिचर्स के खिलाफ शीर्ष अदालत में याचिका दायर की है। इसमें उन्होंने निवेशकों का शोषण करने और उन्हें ठगने के लिए रिसर्च फर्म के फाउंडर नाथन एंडरसन और उनके साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। साथ ही उन निवेशकों के लिए मुआवजे की भी मांग की है, जिन्हें शेयरों के टूटने के कारण नुकसान हुआ है।