लखीमपुर खीरी कांड में जमानत नहीं कराएंगे, गिरफ्तारी देकर जाएंगे जेल: टिकैत

शामली। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान चौतरफा परेशानियों में घिरा है, अब लड़ाई लंबी चलानी होगी। शामली में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन चलेगा। मुख्यमंत्री ने नए पेराई सत्र से पहले शत-प्रतिशत भुगतान की बात कही है, यह भी देखा जाएगा और तीस दिन तक किसान यहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि “केंद्रीय मंत्री गाली देता है तो वह प्रवचन लगता है, लेकिन हम सच्ची बात कहते हैं तो वह भी गाली लगती है। इसलिए लखीमपुर खीरी में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तारी देने के लिए हम ट्रैक्टरों से जाएंगे।”

“मंत्री ने किसानों को भला-बुरा कहा, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई”

बकाया गन्ना मूल्य भुगतान, भूमि अधिग्रहण में उचित मुआवजा व किसानों की अन्य समस्याओं को लेकर भाकियू ने सोमवार को कलक्ट्रेट में अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन आरंभ किया। इस दौरान राकेश टिकैत ने कहा, “मैंने एक बयान दिया था, लखीमपुर खीरी में गुंडा तत्व रहते हैं, जो मंत्री के लोग हैं और किसानों को मारने वाले हैं।” इस बयान पर मेरे खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया। मंत्री ने किसानों को भला-बुरा कहा, उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। प्रशासन को 20-25 दिन का समय है। हमें ट्रैक्टरों से लखीमपुर खीरी पहुंचने में 10 से 12 दिन लगेंगे। तंज कसते हुए बोले, ‘एक ताबीज है कमल का फूल, जिसने उसे लगा लिया, उसको कोई नहीं छेड़ता, लेकिन जो उसे नहीं लगाता है उसको परेशान किया जाता है।

‘लड़ाई लंबी लड़नी पड़ेगी और बहुत जगह लड़नी पड़ेगी’

राकेश टिकैत ने कहा कि  ‘लड़ाई लंबी लड़नी पड़ेगी और बहुत जगह लड़नी पड़ेगी। ये किसान हैं, विधायक या एमपी नहीं है, जो डराने का काम करोगे।” उन्होंने अधिकारियों को भी चेताया। कहा कि शामली की तीन मिलों पर 650 करोड़ रुपये बकाया है जबकि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री 14 दिन में भुगतान की बात कह रहे हैं। यही हाल बिजली का है, घोषणापत्र में कह रहे हैं कि बिजली फ्री रहेगी, पर गांवों में मीटर लगाए जा रहे हैं।

अध्यक्षता चौधरी चरण सिंह और संचालन देवराज पहलवान ने किया। इस दौरान गठवाला खाप के थांबेदार चौधरी श्याम सिंह, बतीसा खाप से चौधरी शोकेंद्र, कालखंडे खाप चौधरी संजय सिंह, महिपाल चौधरी, रविंद्र चौधरी, राजकुमार, विदेश मलिक, राजपाल चौधरी, भाकियू के राष्ट्रीय महासचिव ओमपाल मलिक व मैनपाल चौहान, जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान, योगेंद्र पंवार, गु़ड्डू बनत, ब्रहमपाल सिंह नाला, ओमपाल सैनी, मनोज तैमर, शुभम मलिक ने भी विचार रखे।

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