टेस्ला के हिसाब से नहीं बनाएंगे नीतियां, समान अवसर देने पर फोकस: पीयूष गोयल

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि अमेरिकी इलेक्ट्रिक वाहन बनाने वाली कंपनी टेस्ला के हिसाब से भारत अपनी नीतियों को नहीं बनाएगा। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि देश के कानून और शुल्क संबंधी नियम सभी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं को आकर्षित करने के लिए तैयार किए जाएंगे।

‘किसी एक के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए बनाएंगे नीति’
पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार एक मजबूत ईवी पारिस्थितिकी तंत्र की जरूरत को समझती है, क्योंकि बैटरी से चलने वाले वाहनों के अधिक उपयोग से कार्बन उत्सर्जन के साथ-साथ कच्चे तेल के आयात बिल में भी कटौती होगी। उन्होंने साथ ही कहा कि इसके लिए सरकार ऐसी नीतियां नहीं बनाएगी, जो किसी एक कंपनी के लिए फायदेमंद हों, बल्कि ऐसी नीतियां तैयार की जाएंगी, जो दुनिया के सभी इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माताओं को भारत में आने के लिए प्रोत्साहित करें।

कई हितधारकों से बातचीत जारी है- पीयूष गोयल
साक्षात्कार में पीयूष गोयल ने कहा कि कई पहल पर काम जारी है। हितधारकों के साथ बातचीत की जा रही है। उन्होंने कहा कि यूरोप, अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और दुनियाभर के संभावित निवेशकों के साथ भी संवाद चल रहा है। भारत में मोटर वाहनों पर उच्च शुल्क लागू है, जिसका मकसद घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना है। विदेशी कार विनिर्माताओं के लिए यह एक बड़ा मुद्दा है।

गौरतलब है कि टेस्ला भारत में आने से पहले एक शुरुआती शुल्क रियायत मांग रही है। जिससे उसे 40,000 अमेरिकी डॉलर से कम कीमत वाली कारों के लिए 70 प्रतिशत सीमा शुल्क और अधिक मूल्य की कारों के लिए 100 प्रतिशत सीमा शुल्क की ‘भरपाई’ करने में मदद मिलेगी। पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि हम किसी एक कंपनी या उसके हितों के लिए नीति नहीं बनाते हैं। सभी अपनी मांग रखने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि सरकार उनकी मांग के आधार पर फैसला करेगी।

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