जफरयाब हत्या कांड: चार सगे भाईयों समेत पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास

उत्तर प्रदेश के शामली में हिण्ड गांव में आठ साल पहले किसान जफरयाब की गोली मारकर हत्या के मामले में गांव के ही चार सगे भाईयों समेत पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। सत्र न्यायालय में जिला जज चवन प्रकाश ने फैसला सुनाया। 

जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राजीव शर्मा, सहायक शासकीय अधिवक्ता ललित भारद्वाज और वादी के अधिवक्ता एडवोकेट निरंजन कुमार ने बताया कि थानाभवन थाना क्षेत्र के हिण्ड गांव में वारदात अंजाम दी गई थी। किसान  जफरयाब (55) अपने भाई उस्मान अली और भांजे मिमलाना रोड मुजफ्फरनगर निवासी रियाज के साथ 10 जून 2014 की सुबह सात बजे खेत में पानी चलाने गया था।  

प्लॉट के विवाद में गांव के ही फारूख, फरमान, राकिब उर्फ रागिब, माशूक अली पुत्र शमशेर और परिवार के  दिलशाद पुत्र अनीस ने फायरिंग की और गोली मारकर जफरयाब की हत्या कर दी थी। उस्मान ने मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।

प्रकरण की सुनवाई सत्र न्यायालय के न्यायाधीश जिला जज चवन प्रकाश ने की। अदालत ने अभियुक्त फारूख, फरमान, राकिब उर्फ रागिब, माशूक अली पुत्र शमशेर और  दिलशाद पुत्र अनीस को धारा 302 में आजीवन कारावास और 10-10 हजार रुपये अर्थदंड, धारा  धारा 148 में एक-एक साल की सजा और दो-दो हजार रुपये अर्थदंड और धारा 147 में एक-एक साल की सजा और दो-दो हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।

प्लॉट को लेकर चल रहा था विवाद
हिण्ड निवासी जफरयाब का अभियुक्त माशूक अली के साथ प्लॉट का विवाद चल रहा था। दोनों  पक्षों के बीच 40 हजार रुपये को लेकर रंजिश शुरू हो गई।  जफरयाब बैनामे में गवाह थे, जिस कारण माशूक अली पक्ष उससे रंजिश रखने लगा था।

गैंगेस्टर में बनत के दो भाईयों को छह-छह साल की सजा
शामली के बनत कसबे में  सिपाही की हत्या के प्रकरण में दो अभिुयक्तों को गैंगेस्टर की धारा में छह-छह साल की सजा सुनाई गई। 29 साल पहले बस स्टैंड पर सरेआम सिपाही की हत्या की वारदात अंजाम दी गई थी। गैंगेस्टर कोर्ट के न्यायाधीश बाबूराम ने फैसला सुनाया। 

अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह और विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर ने बताया कि  शामली जिले के आदर्श मंडी थाना क्षेत्र के बनत कसबे में 1993 में हत्या की गई थी।  वादी कासिम अली पुत्र रफीक अहमद का भाई  मुबारिक अली उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही था और उसकी तैनाती गाजियाबाद में थी।  बीमारी के कारण सिपाही छुट्टी पर बनत स्थित घर आया हुआ था।

वारदात के दिन मुबारिक बनत में बस अड्डे पर नसीम की दुकान पर बैठा हुआ था। सुबह 11 बजे गांव के ही करम अली, मौसम अली और सलाउद्दीन पुत्र फरजुद्दीन ने गोली मारकर सिपाही की हत्या कर दी थी।  तत्कालीन थानाध्यक्ष आदर्श मंडी शैलेन्द्र भारद्वाज ने इन तीनों भाईयों का गैंगेस्टर में चालान किया था। ट्रायल के दौरान  अभियुक्त मौसम अली की मृत्यु हो गई।

अभियुक्त करम अली और सलाउद्दीन को हत्या  में सजा हो चुकी थी, लेकिन इन दिनों वह जमानत पर चल रहे थे। गैंगेस्टर के मामले में गैंगेस्टर कोर्ट के न्यायाधीश बाबूराम ने दोनों सगे भाईयों को 6-6साल का कठोर सजा और 10-10 हजार रुपये के अर्थदंड की सुनाई है। जुर्माना न देने पर एक एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

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