बदायूं में चाचा धर्मेंद्र यादव के साथ पहुंचे आदित्य, कराया नामांकन

बदायूं में सपा महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बेटे आदित्य यादव ने परिवार की सियासी विरासत के सहारे संसदीय राजनीति में कदम बढ़ाए। सपा के दिग्गज नेताओं के साथ उन्होंने सोमवार को कलक्ट्रेट में जिला निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार के हाथों में सपा उम्मीदवार की हैसियत से नामांकन पत्र दाखिल किया। वह पहली बार लोकसभा सदस्य पद के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं। अब तक सहकारिता क्षेत्र की राजनीति करते रहे हैं।

इटावा और लखनऊ में अब तक सहकारिता की राजनीति में सक्रिय रहे 35 वर्षीय आदित्य यादव दोपहर दो बजे काफिले के साथ कलक्ट्रेट पहुंचे। उनके चाचा और पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव और गुन्नौर क्षेत्र से सपा विधायक राम खिलाड़ी सिंह यादव साथ थे। दोनों प्रस्तावक भी हैं। नामांकन दाखिल करने से पहले सपा प्रत्याशी आदित्य यादव ने नगला मंदिर और बिरूआबाडी मंदिर में पूजा की। जीत के लिए प्रार्थना की। 

इसके बाद वह छोटे सरकार की दरगाह गए। जीत के लिए दुआ कराई। पूर्व विधायक आबिद रजा और सपा जिलाध्यक्ष आशीष यादव साथ थे। नामांकन के दौरान बड़ी संख्या में समर्थक कलक्ट्रेट के बाहर रहे। असमोली की सपा विधायक पिंकी यादव, विधायक बृजेश यादव, पूर्व राज्यमंत्री प्रदीप यादव गुड्डू, पूर्व विधायक राजेश यादव, पूर्व सांसद वीरपाल सिंह, हाजी रईस की भी भागीदारी रही।विज्ञापन

भ्रष्टाचार और बेरोजगारी है अहम मुद्दा
नामांकन के बाद पत्रकार वार्ता में आदित्य यादव ने कहा कि सपा के शासनकाल में बनाया गया राजकीय मेडिकल कॉलेज जर्जर स्थिति में है। आने वाले समय में ठीक कराया जाएगा। उन्होंने कहा भाजपा लगातार विभाजन की बात करती है और बंटवारे की बात करती है, उससे हमें लड़ना है। भाजपा लोगों के बीच में भ्रम फैलाने का काम कर रही है। उनको ठगने का काम कर रही है। इन्हीं मुद्दों को लेकर लोगों के बीच में जाएंगे। बेरोजगारी, किसानों की समस्या, बढ़ता हुआ भ्रष्टाचार इस चुनाव में अहम मुद्दे रहेंगे। आलू व गन्ना किसानों के भुगतान की समस्या आ रही है। इसे भी मुद्दा बनाएंगे।

मेरा टिकट नहीं कटा सिर्फ निर्वाचन क्षेत्र ही बदला: धर्मेंद्र यादव
बदायूं के पूर्व सांसद व आजमगढ़ के सपा प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि मेरा टिकट कटा नहीं, सिर्फ संसदीय क्षेत्र बदला गया। उन्होंने कहा कि बल्कि बदायूं की जनता के बीच से मुझे आजमगढ़ की जनता के बीच भेजा गया है। आजमगढ़ में भी समाजवादियों का वही इतिहास रहा है, जो बदायूं में रहा है। मुझे खुशी इस बात की है कि नेताजी का दिल जिन जगहों पर रहा, उन जगहों से मुझे भी चुनाव लड़ने का मौका मिला। विज्ञापन

भाजपा के घोषणा पत्र पर धर्मेंद्र यादव ने कहा कि नरेंद्र मोदी कितनी ही अच्छी बातें कर लें लेकिन जनता अब उनकी बात मानने को तैयार नहीं है। वह कहते थे कि देश नहीं बिकने दूंगा पर देश की अब तक की जितनी भी कमाई थी। सारी अपने दोस्तों को किसी न किसी रूप में सौंप दी। भाजपा के घोषणा पत्र पर अब किसी को यकीन नहीं है, क्योंकि इनका घोषणा पत्र झूठ के ढकोसले व जुमलों के अलावा कुछ नहीं है।

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