अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने खुद को देश का कार्यवाहक राष्ट्रपति घोषित किया. बताया जा रहा है कि वह सभी नेताओं का समर्थन और आम सहमति हासिल करने के लिए यहां पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस मुद्दे पर अमेरिकी राष्ट्रपति से बहस करना बेकार है और अफगानों को अपनी लड़ाई खुद लड़नी होगी.
सालेह ने मंगलवार को एक ट्वीट में लिखा, ‘सफाई: अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति, पलायन, इस्तीफे या मृत्यु की हालत में फर्स्ट वाइस प्रेसिडेंट कार्यवाहक राष्ट्रपति बन जाता है। मैं इस समय अपने देश में हूं और वैध केयरटेकर प्रेसिडेंट हूं। मैं सभी नेताओं से उनके समर्थन और आम सहमति के लिए संपर्क कर रहा हूं.
‘तालिबान के साथ एक छत के नीचे कभी भी नहीं रहूंगा’
अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बीच राष्ट्रपति अब्दुल गनी देश छोड़कर निकल गए थे, तो दूसरी तरफ सालेह पंजशीर घाटी चले गए थे. सालेह पहले भी तालिबान के खिलाफ बयान जारी कर चुके हैं. उन्होंने ट्वीट कर कहा था कि, ‘मैं कभी भी और किसी भी परिस्थिति में तालिबान के आतंकवादियों के सामने नहीं झुकूंगा. मैं अपने नायक अहमद शाह मसूद, कमांडर, लीजेंड और गाइड की आत्मा और विरासत के साथ कभी विश्वासघात नहीं करूंगा. ‘मैं उन लाखों लोगों को निराश नहीं करूंगा जिन्होंने मेरी बात सुनी. मैं तालिबान के साथ कभी भी एक छत के नीचे नहीं रहूंगा’.
अफगानिस्तान में खराब हो रहे हालात
तालिबान (Taliban) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) पर कब्जा जमा लिया है. इसके बाद से ही देश में उथल-पुथल हालात हैं. दुनियाभर में अफगानिस्तान के हालात को लेकर चर्चा की जा रही है. इसके पीछे की वजह युद्धग्रस्त मुल्क में पैदा हुए हालात हैं. तालिबान का देशभर के जमीनी बॉर्डर क्रॉसिंग पर कब्जा हो चुका है. ऐसे में परेशान अफगान नागरिक काबुल एयरपोर्ट के जरिए देश छोड़ रहे हैं.