इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्तार अंसारी मामले में याचिका की पोषणीयता पर सरकार से मांगा जवाब

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बाहुबली मुख्तार अंसारी को जेल में बाहर का खाना देने की याचिका की पोषणीयता पर सरकार से तीन दिन में जवाब देने के लिए कहा है। बांदा जेल में बंद मऊ के विधायक मुख्तार अंसारी को बाहर का खाना देने के खिलाफ खुद राज्य सरकार की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट ने याचिका दायर की थी।

जेल मैनुअल के तहत दिया जा रहा खाना इसलिए आपत्ति सही नहीं

यह आदेश न्यायमूर्ति राहुल चतुर्वेदी ने राज्य सरकार की ओर से दाखिल याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। मुख्तार अंसारी को जेल में बाहर का खाना देने के खिलाफ सरकार ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुनवाई के दौरान मुख्तार अंसारी की ओर से याचिका की पोषणीयता पर प्रश्न उठाया। कहा गया कि मुख्तार अंसारी को जेल में बाहर का खाना जेल मैनुअल के नियमों के तहत दिया जा रहा है इसलिए याचिका पोषणीय नहीं है। सरकारी वकील ने कहा कि याचिका पोषणीय है इसीलिए दाखिल की गई। हाई कोर्ट ने इस प्रश्न पर जवाब मांगा है।

अंसारी की मांग पर गाजीपुर की अदालत ने थी बाहर के भोजन की अनुमति

गाजीपुर की जिला कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को बांदा जेल में बाहर का खाना उपलब्ध कराने की अनुमति दी है। इसी आदेश के खिलाफ सरकार ने याचिका दाखिल की है। मुख्तार अंसारी ने जिला न्यायालय में खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर बाहर का खाना देने की इजाजत मांगी थी। भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी ने कोर्ट से अपनी उम्र और खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर जेल में अतिरिक्त सुविधा की मांग की थी। इसके बाद गाजीपुर जिला न्यायालय ने मुख्तार अंसारी को बाहर का खाना देने की अनुमति दी।

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