नवरात्रि के आठवें दिन इस तरह करें माता महागौरी की पूजा, पूरे होंगे काम

हिंदू धर्म में नवरात्रि का त्योहार बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दौरान भक्त मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना कर मां का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. नवरात्रि की अष्टमी तिथि को मां महागौरी की पूजा की जाती है. मान्यता है कि मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने वाले भक्तों के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं साथ ही सभी प्रकार के रोगों से भी मुक्ति मिलती है.

मां महागौरी की पूजा का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, मां महागौरी की पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 45 मिनट से लेकर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में पूजा करना शुभ रहेगा.

मां महागौरी की पूजा विधि

मां दुर्गा के आठवें रूप मां महागौरी की पूजा करने के लिए सुबह स्नान कर सफेद रंग के वस्त्र धारण करें. उसके बाद पूजा स्थल की साफ सफाई कर मां महागौरी की मूर्ति या तस्वीर को गंगाजल से साफ कर लें. मां महागौरी को सफेद रंग अतिप्रिय है और इसलिए पूजा में सफेद रंग के पुष्प भी अर्पित करना बहुत शुभ माना गया है. इसके बाद मां को रोली व कुमकुम का तिलक लगाएं, फिर मिष्ठान, पंच मेवा और फल अर्पित करें. अष्टमी के दिन मां महागौरी की पूजा करते समय उन्हें काले चने का भोग लगाना चाहिए. अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन भी शुभ माना जाता है. इसके बाद आरती व मंत्रों का जाप करें.

मां महागौरी का प्रिय भोग और पुष्प

मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी को मोगरे का फूल बहुत प्रिय है. मान्यता है कि इस दिन मां के चरणों में इस फूल को अर्पित करना चाहिए. इसके साथ ही मां को नारियल की बर्फी और लड्डू अवश्य चढ़ाएं. क्योंकि मां का प्रिय भोग नारियल माना गया है.

मां महागौरी के मंत्र जाप

मां महागौरी की स्तुति

  • मंत्र: या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥

महागौरी का प्रार्थना मंत्र

  • श्वेते वृषे समरूढा श्वेताम्बराधरा शुचिः। महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।

मां महागौरी का ध्यान मंत्र

  • वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्। सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥
  • पूर्णन्दु निभाम् गौरी सोमचक्रस्थिताम् अष्टमम् महागौरी त्रिनेत्राम्। वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
  • पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्। मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
  • प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोलाम् त्रैलोक्य मोहनम्। कमनीयां लावण्यां मृणालां चन्दन गन्धलिप्ताम्॥

मां महगौरी का स्तोत्र मंत्र

  • सर्वसंकटहन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्। ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
  • सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदायनीम्। डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
  • त्रैलोक्यमङ्गल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्। वददम् चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥

मां महागौरी का कवच मंत्र

  • ॐकारः पातु शीर्षो मां, हीं बीजम् मां, हृदयो। क्लीं बीजम् सदापातु नभो गृहो च पादयो॥
  • ललाटम् कर्णो हुं बीजम् पातु महागौरी मां नेत्रम् घ्राणो। कपोत चिबुको फट् पातु स्वाहा मां सर्ववदनो॥

मां महागौरी की आरती

जय महागौरी जगत की माया।

जय उमा भवानी जय महामाया॥

हरिद्वार कनखल के पासा।

महागौरी तेरा वहा निवास॥

चन्द्रकली और ममता अम्बे।

जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे॥

भीमा देवी विमला माता।

कौशिक देवी जग विख्यता॥

हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा।

महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा॥

सती (सत) हवन कुंड में था जलाया।

उसी धुएं ने रूप काली बनाया॥

बना धर्म सिंह जो सवारी में आया।

तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया॥

तभी मां ने महागौरी नाम पाया।

शरण आनेवाले का संकट मिटाया॥

शनिवार को तेरी पूजा जो करता।

मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता॥

भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो।

महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो॥

मां महागौरी की पूजा का महत्व

मान्यता है कि मां महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. व्यक्ति के सभी रोग दोष दूर होते हैं. मां महागौरी की पूजा से दांपत्य जीवन, व्यापार, धन, और सुख-समृद्धि बढ़ती है. इसके अलावा मां महागौरी की पूजा करने से विवाह में आ रहीं सभी बाधाएं दूर होती हैं.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है. दैनिक देहात इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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