छत्तीसगढ़: आईएएस अधिकारी रानू साहू को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया

छत्तीसगढ़ की आईएएस अफसर रानू साहू को ईडी की टीम ने हिरासत में लेकर रायपुर कोर्ट में पेश किया। ईडी ने अफसर की 14 दिन की रिमांड मांगी है। शुक्रवार देर रात तक रानू साहू के देवेंद्र नगर स्थित सरकारी आवास में प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छापेमारी की थी। इस छापेमारी में मिले अहम सबूतों के मुताबिक रानू साहू करोड़ों रुपए के हेर-फेर में शामिल थीं, फिलहाल मामले की जांच जारी है।

रानू साहू छत्तीसगढ़ की दूसरी IAS ऑफिसर हैं जिन्हें प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया। इससे पहले आईएएस समीर विश्नोई गिरफ्तार हो चुके हैं और कोल स्कैम के मामले में फिलहाल रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। रानू साहू वर्तमान में कृषि विभाग में संचालक के पद पर पदस्थ थीं। इससे पहले रानू रायगढ़ जिले की कलेक्टर रह चुकी हैं।

रानू साहू के मायके में पड़ चुका है छापा
पिछले साल ED ने मनी लॉन्ड्रिंग और कोल अवैध वसूली मामले में रानू साहू के कलेक्टर रहते हुए छापेमारी कार्रवाई की थी। रानू साहू के मायके में ED के अधिकारियों ने दबिश दी थी। साहू के गांव पाण्डुका, गरियाबंद जिले में छापा पड़ा था। साहू के परिजन राजनीति से जुड़े हैं। जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू और कांग्रेस नेता शैलेंद्र साहू के घर टीम घुसी थी। लक्ष्मी साहू कलेक्टर रानू साहू की मां हैं। वहीं शैलेंद्र साहू उनके चचेरे भाई हैं। मैनपुर में एक 12 एकड़ के तालाब के भी इस परिवार के नाम होने की जानकारी सामने आई थी, क्योंकि इसकी प्रारंभिक रजिस्ट्री में परिवार का नाम था।

प्रॉपर्टी अटैच की गई थी
दो महीने पहले कोल मामले में ED ने आईएएस अफसर, कोल कारोबारी और कुछ कांग्रेसी विधायकों की संपत्ति अटैच की थी। तब प्रदेश में 90 चल अचल संपत्तियों को अटैच किया गया है। जिनमें लग्जरी गाड़ियां, ज्वेलरी और नगद शामिल है। कुल 51. 40 करोड़ की संपत्ति को बरामद किया गया है। यह बरामदगी आईएएस रानू साहू, कारोबारी सूर्यकांत तिवारी कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव, विधायक चंद्र देव राय के पास से की गई थी। यह कोल एक्सटॉर्शन स्कैम से जुड़ा हुआ मामला है। ईडी की तरफ से कहा गया है कि इस मामले में अब तक 221.5 करोड़ के आसपास की संपत्ति अटैच की जा चुकी है।

ईडी ने शुक्रवार को रायपुर, बिलासपुर, कोरबा में कारोबारियों और अफसरों के घर दबिश दी थी। रायपुर में रामदास अग्रवाल के जोरा स्थित अनुपम नगर के घर में भी टीम पहुंची थी। कोरबा में निगम कमिश्ननर प्रभाकर पांडेय के घर पर सुबह पांच बजे से पांच सदस्यीय टीम छानबीन की। ईडी की टीम के साथ सीआरपीएफ के जवान भी पहुंचे जो घर के अंदर और बाहर तैनात थे।

कौन हैं सुनील अग्रवाल

कारोबारी रामदास अग्रवाल सुनील के पिता थे, जिनकी डेथ हो चुकी है। सुनील कोल और इस्पात कारोबार से जुड़े हुए हैं। पिछले दिनों आईटी की रेड भी पड़ी थी। रायपुर और रायगढ़ में इनका कारोबार है। फिलहाल ईडी की कार्रवाई का अपडेट अभी सामने नहीं आया है। इसके अलावा बिलासपुर में एक बड़े ठेकेदार और कारोबारी की घर कार्रवाई की गई, कोरबा जिले में नगर निगम के आयुक्त प्रभाकर पांडेय के घर भी दबिश दी गई थी।

कोल स्कैम मामले में की गई कार्रवाई

कार्रवाई कोल स्कैम मामले के साथ नान और मार्कफेड में पीडीएस घोटाले के सिलसिले में चल रही है। छत्तीसगढ़ में ईडी की ओर से दर्ज 2000 करोड़ रुपए की कथित आबकारी गड़बड़ी के मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। अनुसूचित अपराध के अभाव में कोर्ट ने अंतरिम राहत देते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पर ही रोक लगाई थी।

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