कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा ने सेना में अहीर रेजिमेन्ट की मांग का किया पूर्ण समर्थन

सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने शनिवार को लोकसभा चुनाव की तैयारियों के क्रम में डहीना में आयोजित जन-आक्रोश रैली को संबोधित किया। उन्होंने शहीदी दिवस पर शहीद-ए-आजम भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु को श्रद्धांजलि देकर उन्हें नमन किया। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि ये देशभक्त इलाका है लेकिन अग्निपथ योजना से सबसे बड़ा नुकसान फौजियों की खान वाले दक्षिणी हरियाणा को हुआ है। देश की सेना में हर 10वां सैनिक हरियाणवी है।

हरियाणा ऐसा प्रदेश है जहां फौज में भर्ती होना गौरव की बात मानी जाती है। यहां के गांव-गांव से पीढ़ी दर पीढ़ी देश के लिये सर्वोच्च बलिदान देने की परम्परा रही है। यहां हर घर में फौजी हैं, यहां के हर गांव में किसी न किसी ने अपनी शहादत दी है। लेकिन अग्निपथ योजना के बाद हरियाणावासियों के लिये फौज के द्वार बंद हो गये हैं।

बीजेपी सरकार ने अग्निवीर जैसी योजना लाकर फौज को कमजोर और युवाओं के सपनों को बर्बाद कर दिया है। दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि अहीर रेजीमेंट के गठन की मांग पूरी तरह से जायज है और वे इसका पूर्ण समर्थन करते हैं। ‘अहीर रेजीमेंट’ के गठन करने की मांग को उन्होंने लगातार संसद में प्रमुखता से उठाई लेकिन सरकार ने अहीर रेजिमेंट देना तो दूर, अग्निपथ योजना लागू कर दी। उन्होंने कहा कि अहीर रेजिमेंट के गठन के लिए वो आगे भी पुरजोर प्रयास करेंगे। दीपेन्द्र हुड्डा ने सभी को आगामी होली के त्योहार की बधाई व शुभकामनाएं दी। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अहीर समाज और अहिरवाल इलाके ने देश की रक्षा और सुरक्षा के लिए हमेशा कुर्बानियां दीं। चाहे वो 1962 की जंग रही हो, 1965 या 1971 की जंग रही हो या फिर कारगिल की जंग, हरियाणा के सैनिक बड़ी से बड़ी कुर्बानी देने में कभी पीछे नहीं हटे।

उन्होंने कहा कि 1962 में रेजांग-ला की लड़ाई को कौन भूल सकता है जब 120 अहीर सैनिकों ने 5000 चीनी सैनिकों से मोर्चा लिया और चुशुल हवाई पट्टी को दुश्मन के कब्जे से बचाने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि हरियाणा से फौज में हर साल करीब 5500 पक्की भर्ती होती थी लेकिन अब केवल सवा दो सौ ही पक्की भर्ती होगी। यही नहीं, सरकार अग्निपथ योजना के जरिए शहीद के बलिदान में भी भेदभाव कर रही है।

दु:खद बात तो ये है कि ड्यूटी के दौरान शहीद होने वाले अग्निवीर को सरकार शहीद का दर्जा भी नहीं दे रही है। ड्यूटी पर अग्निवीर सैनिक को न पेंशन, न ग्रेच्युटी और उनके आश्रितों को मेडिकल फेसिलिटीज़ व अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल रही। इसके अलावा, अग्निवीर को पूर्व सैनिक का दर्जा और पूर्व सैनिक को मिलने वाली सुविधाएं भी नहीं मिल रही    दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि बीते साढ़े 9 साल में रेवाड़ी समेत पूरा प्रदेश विकास की पटरी से उतर गया। जबकि, कांग्रेस सरकार के समय उन्होंने रेवाड़ी में चौतरफा विकास कराया था। ये चुनाव हरियाणा में आने वाली सरकार का भी चुनाव है क्योंकि जिस दिन यहां का नतीजा आयेगा वो सिर्फ दिल्ली में सांसद बनाने का नहीं, बल्कि हरियाणा में सरकार बदलने वाला नतीजा साबित होगा।

दीपेन्द्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा को जैसे ही इस बात का अंदेशा हुआ कि हरियाणा में बदलाव होने जा रहा है तो उसने चेहरे बदल दिये। लेकिन चेहरा बदलने से कुछ नहीं होगा अब लोग पूरी सरकार ही बदल देंगे। उन्होंने बताया कि हुड्डा सरकार के समय अकेले रेवाड़ी में शिक्षा के 19 संस्थान खोले गये जिनमें मीरपुर में इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी, कृष्णनगर (लूला अहिर) में भगत फूल सिंह महिला विश्वविद्यालय का रीजनल सेंटर बनाया इस बार मौका मिला तो कृष्ण नगर में महिलाओं के लिए यूनिवर्सिटी बनवाने का काम करेंगे।

बावल में एग्रीकल्चर कॉलेज, जैनाबाद में राव बिरेन्द्र सिंह राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज, 5 नयी सरकारी आईटीआई सारनवास, बेरसी कलां, कोसली, टंकारी, खरकड़ में बनी, 2 नये सरकारी पॉलिटेक्निक, 5 नये राजकीय महाविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय स्थापित कराया गया। गोठरा टप्पाखोरी में हरियाणा का पहला सैनिक स्कूल और भाकली में केंद्रीय विद्यालय स्थापित किया गया और अकेले कोसली हलके में 195 स्कूल अपग्रेड हुए। मौजूदा बीजेपी सरकार के पिछले साढ़े 9 साल में एक कॉलेज की जो घोषणा की थी वो भी आज तक नहीं बन सका। और तो और, डहीना में उप-तहसील मंजूर कराई थी, लेकिन पिछले साढ़े 9 साल में इस सरकार ने उसके बजट में एक पैसा नहीं दिया।

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