दिल्ली पुलिस ने गैंगस्टर अनिल दुजाना को साथियों सहित किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने यूपी के वांछित व इनामी गैंगस्टर अनिल दुजाना को उसके दो साथियों के साथ गिरफ्तार कर एक व्यवसायी की जान बचा ली है। अनिल दुजाना को लगता था कि उसके जानकार राहुल नागर की हत्या में मंडावली के व्यवसायी ने सुंदर भाटी गिरोह का साथ दिया है इसलिए वह व्यवसायी की हत्या के लिए रैकी कर रहा था। अनिल दुजाना के खिलाफ दिल्ली व यूपी में हत्या, हत्या का प्रयास, आर्म्स एक्ट और रॉबरी आदि के 61 से ज्यादा मामला दर्ज हैं। यूपी पुलिस ने अनिल दुजाना पर 75 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है।

अपराध शाखा के संयुक्त पुलिस आयुक्त धीरज कुमार के अनुसार शाखा की स्टार-दो में तैनात इंस्पेक्टर अनिल सिद्धू को पांच जनवरी को सूचना मिली थी कि गैंगस्टर अनिल दुजाना मंडावली इलाके में एक व्यवसायी की हत्या करने के लिए अपने दो साथियों के साथ मिलकर रैकी कर रहा है।

इसके बाद एसीपी अरविंद कुमार की देखरेख में इंस्पेक्टर अरुण सिद्धू व हवलदार अवधेश ने मंडावली में घेराबंदी शुरू की। पुलिस ने पहले गांव मिलक खटाना थाना जर्चा जिला गौतमबुद्ध नगर (यूपी) निवासी सचिन गुज्जर (28) को स्विफ्ट डिजायर समेत गिरफ्तार किया। उसकी कार की तलाशी लेने पर एक सेमी-ऑटोमेटिक पिस्टल व छह कारतूस बरामद हुए।

इसके बाद पुलिस ने गांव दुजाना, थाना बादलपुर, जिला गौतमबुद्ध नगर (यूपी) निवासी सुनील उर्फ अनिल उर्फ दुजाना (36) उसके साथी चिल्ला गांव, मयूर विहार निवासी रकम सिंह को गिरफ्तार किया।

इनके पास से दो सेमी-ऑटोमेटिक पिस्टल व नौ कारतूस बरामद हुए। इनके खिलाफ अपराध शाखा ने मामला दर्ज कर लिया है। नोएडा पुलिस ने अनिल दुजाना पर 50 हजार व बुलंदशहर पुलिस ने रंगदारी के मामले में 25 हजार का इनाम घोषित किया था।  

अनिल दुजाना ने खुलासा किया है कि उसके साथी राहुल नागर उर्फ भुरू की हत्या मंडावली इलाके में संपत्ति विवाद में सुंदर भाटी गिरोह के सदस्यों ने की थी। इस मामले में सुंदर भाटी गिरोह के आठ सदस्य गिरफ्तार किए गए थे। अनिल दुजाना को लगता था कि मंडावली में रहने वाले एक व्यवसायी ने सुंदर भाटी गिरोह के सदस्यों की आर्थिक व अन्य तरह से सहायता की।

2002 में अपराध की दुनिया में रखा था कदम
नवीं कक्षा तक पढ़े अनिल दुजाना ने वर्ष 2002 में अपराध की दुनिया में उस समय कदम रखा था जब उसने अपने साथियों के साथ पहलवान हरबीर की हत्या की थी। इसके बाद उसने दिल्ली और यूपी में हत्या, हत्या के प्रयास, रंगदारी, डकैती आदि की 61 से अधिक वारदातें कीं। दुजाना गैंग का लीडर है। उसके गैंग में 15-20 सक्रिय सदस्य हैं। वह जनवरी 2021 में जेल से बाहर आया था। पेशी पर न जाने की वजह से यूपी की कई अदालतों ने उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर रखा था। अनिल दुजाना गिरोह का सक्रिय सदस्य सचिन गुज्जर के खिलाफ हत्या, रॉबरी व रंगदारी के दस से ज्यादा मामले दर्ज हैं। वह दिसंबर, 2019 में जमानत पर जेल से बाहर आया था। रकम सिंह के खिलाफ भी दस से ज्यादा केस दर्ज हैं। वह दिसंबर, 20 में जेल से बाहर आया था।  

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