बिहार में डॉक्टरों का अकाल:कोरोना की तीसरी लहर का खतरा

कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच बिहार सिस्टम से जूझ रहा है। महामारी से लड़ाई एक बार फिर भारी पड़ सकती है। दो दो बार कोरोना से जंग के बाद भी सरकार खाली पड़े पदों को नहीं भर पाई है। राज्य में मेडिकल अफसराें के साथ विशेषज्ञ डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं, जिस पर बहाली नहीं हुई।

हाल के दिनों में जिन पदों पर बहाली भी हुई है। वह डॉक्टर टिक नहीं पाए। प्राइवेट की तरह सुविधाएं नहीं होने से डॉक्टर शहर से बाहर की पोस्टिंग पर नहीं ज्वाइन कर रहे हैं। इस व्यवस्था में कोरोना की तीसरी लहर भारी पड़ सकती है।

हाईकोर्ट की सख्ती का नहीं दिख रहा असर

पटना हाईकोर्ट मेडिकल सेक्टर को लेकर काफी सख्त है। बार बार सवाल किए जा रहे हैं और सरकार से जवाब मांगा जा रहा है। सरकार हाईकोर्ट की गंभीरता के बाद भी सुस्त पड़ी है। कोर्ट में जवाब तो दिया जाता है लेकिन इस दिशा में कोई अमल नहीं किया जा रहा है। डॉक्टरों के साथ अन्य पदों पर बहाली को लेकर हाईकोर्ट ने फिर सरकार से सवाल किया है, फिर सरकार की तरफ से जल्द बहाली की बात कही जा रही है। हर बार की तरह इस बार भी बिहार सरकार कोरोना की तीसरी लहर के खतरे के बीच हाईकोर्ट काे शीघ्र डॉक्टरों की तैनाती करने का जवाब दिया है।

ऐसे होगी कोरोना से लड़ाई

  • 2590 – पद जनरल मेडिकल ऑफिसर के खाली हैं।
  • 3706 – पद विशेषज्ञ डॉक्टरों के लंबे समय से खाली पड़े हें।
  • 4102 – पद जनरल नर्सिंग व मिडवाइफरी के खाली हैं।

सरकार ने कहा तैयारी चल रही है

पटना हाईकोर्ट के जवाब में बिहार सरकार की तरफ से बताया गया है कि राज्य में जनरल मेडिकल ऑफिसर के 2590 और विशेषज्ञ डॉक्टरों के 3706 खाली जगहों को भरने के लिए कॉउंसलिंग पूरा कर लिया गया है और शीघ्र ही इनकी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होनी की उम्मीद है। सरकार ने यह भी कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत 171 डॉक्टरों की नियुक्ति हाल ही में की गई है। सरकार ने इस जवाब में यह नहीं बताया है कि कितने डॉक्टरों ने ज्वाइन किया है।

सूत्रों की मानें तो नियुक्ति पाने के बाद ग्रामीण पोस्टिंग के कारण कई डॉक्टरों ने ज्वाइन नहीं किया और कई ज्वाइन करने के बाद भागने की तैयारी में हैं। इसी तरह 163 नर्सिंग ट्यूटर की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होने की बात कही जा रही है। जीएनएम (जनरल नर्सिंग व मिडवाइफरी) के 4102 पदों को भरने के लिए भी कॉउंसलिंग जारी होने का दावा किया जा रहा है। सरकार का कहना है कि बहुत जल्द इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा।

1198 एम्बुलेंस से पूरा प्रदेश कंट्रोल

बिहार सरकार का कहना है कि पूरे राज्य में 1198 एम्बुलेंस वैन की सेवा उपलब्ध करवाई गई है। 250 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस की प्रक्रिया चल रही है। अब सवाल यह है कि बिहार की इतनी बड़ी आबादी 1198 एम्बुलेंस से कैेस मदद पा रही है। कोरोना काल में इतने एम्बुलेंस से कैेसे लोगाें को मदद मिली है। तीसरी लहर के खतरे के बीच इस सेवा का लाभ उठाकर लोग कैसे जान बचा पाएंगे। एम्बुलेंस जैसी अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के बारे में सरकार पूरी तरह से फेल है। कोरोना की दूसरी लहर में एम्बुलेंस के कारण भी कई मरीजों की जान गई है।

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