किसानों का तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ जारी आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है. रविवार को यूपी गेट पर बुलाई गई महापंचायत में किसानों ने पांच अप्रैल यानि सोमवार को देशभर में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) कार्यालयों के सामने घेराव कर विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है.
आक्रोशित किसान कल एफसीआई (FCI) कार्यलय के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से कहा गया है कि इस दिन को ‘एफसीआई बचाओ’ दिवस के रूप में चिन्हित करते हुए उपभोक्ता मामलों के मंत्री के नाम एक ज्ञापन पत्र दिया जाएगा. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के काफिले पर अलवर में हुए हमले से किसान आक्रोशित हैं.
यूपी गेट पर बुलाई गई महापंचायत
इसे लेकर आज यूपी गेट पर एक बार फिर महापंचायत बुलाई गई थी. भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत भी यूपी गेट पर महापंचायत में शिरकत करने पहुंचे. उनके साथ ही कई खाप के चौधरी भी मौजूद रहे.
माना जा रहा है कि अलवर में टिकैत के काफिले पर हुए हमले का असर यूपी के पंचायत चुनाव पर भी पड़ सकता है. आज की महापंचायत में कृषि कानूनों का विरोध तेज करने का फैसला संभावित है. विपक्ष इसमें अपना राजनीतिक फायदा देख रहा है. इसके मद्देनजर उसने एजेंडा बना लिया है. दूसरी ओर घटना के बाद अंदरूनी तौर पर चिंतित भाजपा खुले तौर पर ‘सब ठीक’ बताने की तैयारी में जुट गई है.
पश्चिमी यूपी का किसान और जाट समुदाय खेती-बाड़ी के मामलों में अपनी आवाज उठाने के लिए बीकेयू (BKU) के साथ है, जबकि राजनीतिक दलों को समर्थन में उनमें एक राय नहीं है. हालांकि भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत कह चुके हैं कि संगठन का चुनाव से लेना-देना नहीं है. पंचायत चुनाव में मतदाता अपनी पसंद के प्रत्याशी को वोट करें.