तेजस्वी की प्लेट में मछली !

इन दिनों लालू प्रसाद के लाल तेजस्वी यादव का एक वीडियो खूब चर्चा में है। हेलीकॉप्टर में मुकेश सहनी नामक व्यक्ति तेजस्वी याद‌व के साथ बैठा है। तेजस्वी अपने सामने रखी प्लेट से एक पकी मछली उठाकर उसे दिखाता है। फिर उसके कांटे निकाल कर प्लेट में रखता है। प्लेट ऊपर उठा कर कहता है- ये देखिये, मछली है, हरी मिर्ची है, नमक़ और रोटी है। फिर एक मछली उठाकर मुंह में डालता है। पास बैठा मुकेश सहनी हंस के कहता है- ‘तुम तो मछली खा रहे हो, इन्हें यह देख खूब मिर्ची लगेगी।’ वीडियो जानबूझ कर इरादतन बनवाया गया था। तेजस्वी व मुकेश जानते थे कि किसे मिर्ची लगेगी और कौन प्लेट में मछली देख कर खुश होगा।

तेजस्वी को पहले से मालूम था कि मछली वाला वीडियो वायरल होने पर क्या प्रतिक्रिया होगी सो अगले दिन कैमरे पर आकर बोला- ‘ये बीजेपी वाला नहीं जानता कि हमने मछली कब खाया। नवरात्र 9 से शुरू हुआ, मछली 8 को (यानी 8 अप्रैल को) खाया। बीजेपी वाला ऐसे झूठ बोल के बरगलाता है।’

चुनाव के ऐन मौके पर यह मछली वाला ड्रामा क्यूं रचा गया?
नवरात्र के ठीक एक दिन पहले यह‌ ‌नौटंकी जानबूझ कर की गई जिस में तेजस्वी के साथ दूसरा किरदार मुकेश सहनी भी था।

लालू यादव और उनका कुनबा जानता है कि चुनाव में कैसे हिन्दू-मुस्लिम किया जाए। पिछ‌ले सावन में लालू ने अपना करतब दिखाया था। लालू प्रसाद को पता है कि श्रावण मास में हिन्दू परिवार सोमवार का व्रत रखते हैं। करोड़ों-लाखों कांवड़िये जलाभिषेक करते हैं। लालू परिवार ने राहुल गांधी को बुलाकर बकरे के मांस की दावत दी। लालू के कुनबे के लोगों ने वीडियो बनवाकर प्रदर्शित किया कि मटन कैसे बनता है। राहुल के हाथ में चमचा पकड़ा दिया जिसे वे मांस की हांड़ी में फेरते दिखाई देते हैं। वे लालू की बेटी से पूछते हैं- ‘इसमें क्या-क्या डाला गया है? फिर चख कर कहते हैं- बहुत अच्छा! कुछ मीट तो प्रियंका के लिए ले जाऊंगा।’ तब यह पूरा वीडियो वायरल हुआ था।

तेजस्वी के मछली वाले वीडियो की तरह बकरे के मांस वाला वीडियो भी प्रायोजित था। मुस्लिमों को रिझाने के लिए दोनों राजनीतिक यादव परिवार (मुलायम और लालू) हथकंडे करते रहे हैं। ईद पर या इफ्तार पार्टियों में इस्लाम की प्रतीक गोल टोपी लगाते हैं, कंधे पर चारखाने का गमछा डालते हैं। लुंगी पहन कर फोटो खिंचवाते हैं, वीडियो बनवाते हैं।

खाना-पीना और पहनना, यह व्यक्तिगत रुचि के अनुसार है लेकिन यादवी परिवार इनके जरिये हिन्दुओं और मुस्लिम दोनों को धोखा दे रहे हैं ताकि इनका परिवारवाद बदस्तूर चलता रहे।

गोविन्द वर्मा
संपादक ‘देहात’

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