छत्तीसगढ़ के कबीरधाम में तीन मार्च को झंडा लगाने और पूजा को लेकर हुए बवाल के बाद पकड़े गए आरोपियों की जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। इसमें गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के जिला अध्यक्ष अधर्मी अनार्य जे लिंगो समेत 64 आरोपी शामिल हैं। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे अपराधों में सख्त रुख अपनाना जरूरी है। इस बवाल में एसपी, एसएसपी और 20 जवान सहित 16 प्रदर्शनकारी भी घायल हुए थे। बताया जा रहा है कि पड़ोसी राज्य एमपी से भी प्रदर्शनकारी पहुंचे थे।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि घटना में एसपी, एएसपी, एसडीओपी समेत अन्य पुलिस अधिकारियों को चोटें आई हैं। आरोपियों का अपराध गंभीर प्रकृति का है। प्रकरण में जांच की कार्रवाई जारी है। वर्तमान समय में इस प्रकार से अवैधानिक भीड़ एकत्र कर अपराध करने की प्रवृत्ति बढ़ी है। ऐसे अपराधों के विरूद्ध कड़ा रुख अपनाया जाना जरूरी है। आरोपियों को जमानत पर रिहा किया जाना उचित प्रतीत नहीं होता है।

पुलिसकर्मी की हत्या करने का प्रयास भी किया
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ यह अभियोग पेश किया है कि उन्होंने सामान्य उद्देश्य से बलवा किया। लोक व्यवस्था बनाने के लिए मौजूद पुलिस अधिकारियों और कर्मियों के साथ मारपीट की। साथ ही हत्या करने का प्रयास भी किया है। वहीं मामले को लेकर वर्तमान में जांच जारी है। पुलिस ने अब तक करीब 40 से अधिक वाहन जब्त भी किए है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 147, 148, 149, 353, 333, 332, 307 व धारा 3 लोक सम्पत्ति का नुकसान अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है।

आदिवासी पूजा स्थल पर वर्चस्व का प्रयास
भोरमदेव अंतर्गत गौरी चौरा स्थल पर बूढ़ा देव की पूजा ग्राम के आदिवासी समाज द्वारा की जाती है। इसी पूजा स्थल पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिला अध्यक्ष जे लिंगों द्वारा अपना एकाधिकार स्थापित करने के उद्देश्य से अपने आराध्य बड़ादेव का झंडा भी लगा दिया गया था। धार्मिक स्थल पर झंडा लगाने व पूजा अर्चना करने को लेकर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के कार्यकर्ताओं ने घेराव किया। इस दौरान पुलिस व पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। इसमें बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी घायल हुए थे।