लर्निंग लाइसेंस के दस्तावेजों में किया फर्जीवाडा तो तीन साल जेल, एक लाख जुर्माना

प्रदेशभर में लर्निंग लाइसेंस की व्यवस्था को आनलाइन करने से भले ही लोगों को आरटीओ नहीं जाना पड़ रहा है। लेकिन इसमें गलत जानकारी देने या फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की तो तीन साल तक की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माना लग सकता है। गौरतलब है कि प्रदेश में एक अगस्त से आनलाइन लर्निंग लाइसेंस बनाने की सुविधा शुरू हो चुकी है। इसके तहत आवेदकों को आधार कार्ड या मोबाइल नंबर के साथ ही अन्य दस्तावेज अपलोड करना होंगे। इन दस्तावेजों का वेरिफिकेशन आरटीअो द्वारा किया जाएगा।

एआरटीओ हृदयेश यादव ने बताया कि इस व्यवस्था में अंत में आवेदक को यह स्वीकार करना होता है कि वह अपनी सभी जानकारी सही दे रहा है। अगर इसमें वह गलती करता है तो उस पर आइटी एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट और आइपीसी के तहत कार्रवाई की जा सकती है। इसलिए लोगों से अपील है कि वे लाइसेंस में एकदम सही जानकारी ही दाखिल करे। यादव ने बताया कि आनलाइन लर्निंग लाइसेंस व्यवस्था में आवेदक को ही आधार कार्ड से अपने नाम, पते और उम्र की जानकारी अपडेट करने के बाद निजी जानकारी अपलोड करने की सुविधा दी है, जिसमें फिजिकल फिटनेस भी शामिल है।

अगर आवेदक यहां गलत जानकारी भर देगा तो उसका लर्निंग लाइसेंस तो बन जाएगा, लेकिन जब पक्के लाइसेंस के लिए आरटीओ जाएगा तब उसके सभी दस्तावेजों और फिजिकल फिटनेस का वेरिफिकेशन होगा। इस दौरान अगर ऐसी कोई बात सामने आती है कि आवेदक ने गलत जानकारी देकर लाइसेंस बनवाया है, तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

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