गाजियाबाद: मुस्लिम बुजुर्ग से मारपीट को दिया गया सांप्रदायिक रंग, ट्विटर समेत 8 लोगों पर FIR दर्ज

गाजियाबाद. गाजियाबाद के लोनी इलाके में बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई के मामले में पुलिस ने ट्विटर समेत 9 के खिलाफ FIR दर्ज की है। ये FIR मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में की गई है। Twitter पर आरोप है कि इस इस तरह के वीडियो पर कोई एक्शन नहीं लिया। पुलिस ने इस मामले में Twitter के अलावा मोहम्मद जुबैर, राना अय्यूब, द वायर, सलमान निजामी, मसकूर उस्मानी, समा मोहम्मद, सबा नकवी, Twitter Communications India Pvt के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। गाजियाबाद पुलिस का कहना है कि पुलिस द्वारा मामला पूरी तरह से स्पष्ट किए जाने के बावजूद Twitter ने गलत tweets को हटाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।

पुलिस की FIR में कहा गया है कि इन सभी लोगों ने ट्विटर पर घटना की सत्यता को जांचे बिना ही घटना को सांप्रदायिक रंग दे दिया और इनके द्वारा शांति को अस्त व्यस्त करने और धार्मिक समूहों में विभाजन के उद्दश्य से संदेश प्रचारित किए जाने लगे। गाजियाबाद पुलिस ने कहा कि ये घटना पीड़ित और शरारती तत्वों के बीच व्यक्तिगत विवाद की वजह से हुई। पुलिस ने बताया कि शरारती तत्वों में हिंदु और मुस्लिम दोनों ही संप्रदाय के लोग शामिल थे लेकिन आरोपियों ने घटना को इस तरह पेश किया की दोनों धार्मिक समूहों के बीच तनाव पैदा हो। 

पुलिस जांच में सामने आई ये बात
पीड़ित व्यक्ति का दावा है कि उनकी पिटाई करने वालों ने उनसे ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने को कहा था। हालांकि पुलिस ने इस मामले में साम्प्रदायिक पहलू होने से इंकार किया है। उनका कहना है कि सूफी अब्दुल समद की पिटाई करने वालों में हिन्दू-मुसलमान मिलाकर कुछ छह लोग शामिल थे और सभी उनके द्वारा बेचे गए ताबीज को लेकर नाखुश थे।

गाजियाबाद पुलिस ने द्वारा प्रारंभिकि जांच में पाया गया कि शरारती व्यक्ति जिनके द्वारा ये घटना की गई और पीड़ित एक दूसरे को पहले से ही जानते थे।

पीड़ित ने उन्हें ताबीज बेचे थे और इनके सकारात्मक परिणाम का आश्वासन दिया था। उन ताबीजों ने काम नहीं किया, जिसके बाद शरारती तत्वों ने उन्हें पीटा। जिन लोगों ने पीड़ित को पीटा उनके नाम परवेश, कल्लू, पोली, आरिफ, आदिल और मुशाहिद  हैं। गाजियाबाद पुलिस द्वारा इस मामले में तीन लोगों ( परवेश, कल्लू, आदिल) को गिरफ्तार किया गया है। 

बुजुर्ग मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की घटना सामने आने के बाद मामले में सियासत भी होने लगी थी। राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि ऐसी क्रूरता समाज और धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है। उन्होंने इस घटना से संबंधित एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘मैं यह मानने को तैयार नहीं हूं कि श्रीराम के सच्चे भक्त ऐसा कर सकते हैं। ऐसी क्रूरता मानवता से कोसों दूर है और समाज व धर्म दोनों के लिए शर्मनाक है।’’

राहुल गांधी की इस प्रतिक्रिया के बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनपर पलटवार किया था। योगी आदित्‍यनाथ ने मंगलवार को तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन पर सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार करने का आरोप लगाया। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस नेता गांधी के ट्वीट को टैग करते हुए लिखा, ‘‘प्रभु श्रीराम की पहली सीख है-‘सत्य बोलना’ जो आपने कभी जीवन में किया नहीं। शर्म आनी चाहिए कि पुलिस द्वारा सच्चाई बताने के बाद भी आप समाज में जहर फैलाने में लगे हैं।” उन्होंने आगे लिखा है, ‘‘सत्ता के लालच में मानवता को शर्मसार कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश की जनता को अपमानित करना, उन्हें बदनाम करना छोड़ दें।”

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