हिसार: भावेश ख्यालिया ने यूपीएससी में हासिल की 46वीं रैंक

भिवानी के गांव झांवरी निवासी भावेश ख्यालिया अपने ताऊ के बाद एक ही परिवार से दूसरे प्रयास में यूपीएससी में 46वीं रैंक हासिल कर गांव व परिवार का नाम रोशन किया है। उन्होंने यह उपलब्धि दूसरे प्रयास में प्राप्त की है  उन्होंने एचसीएस में 12वीं रैंक हासिल कर परिवार, गांव व क्षेत्र का गौरव बढ़ाया था। 

भावेश ख्यालिया ने बताया कि बैगर कोचिंग लिए उन्होंने हिसार में घर पर रहते हुए 15 से 16 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई की और सफलता हासिल की है। झांवरी निवासी भावेश ख्यालिया के ताऊ डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया 1983 में एचसीएस चयनित हुए थे और उसके बाद उनके चाचा राजेश ख्यालिया भी 1999 में एचसीएस चयनित हुए। लगभग 24 साल बाद एक बार फिर भावेश ख्यालिया ने यूपीएससी में 46वें रैंक के साथ चयनित होकर अपने परिवार व गांव का परचम लहराया है।

भावेश ख्यालिया ने टाटा इंस्टीट्यूट आफ सोशल साईंस (हैदराबाद) से 2020 में ग्रेजुएशन किया और उन्होंने ताऊ डा. युद्धबीर सिंह ख्यालिया व चाचा राजेश ख्यालिया से प्रेरित होकर कोरोना काल के दौरान समय का पूरा फायदा उठाते हुए घर पर ही तैयारियों में जुट गए। इतना ही नहीं, भावेश ख्यालिया ने एचसीएस भी 12वीं रैंक के साथ पास की थी, उनका सपना व जिद्द यूपीएससी की परीक्षा अच्छे रैंक से पास करना था, पहले प्रयास में उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा में 280वां रैंक हासिल किया था, लेकिन परिणाम से संतुष्ट नहीं हुए और दूसरे प्रयास में 46वीं रैंक के साथ यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली |

भावेश ख्यालिया की मां सुशीला ख्यालिया शिक्षिका हैं, जिन्होंने वीआरएस ले लिया था, जबकि उनके पिता राजकुमार ख्यालिया गवर्नमेंट कालेज सिवानी से प्राचार्य के पद से 30 नवंबर 2022 को सेवानिवृत हुए थे। सबसे बड़े ताऊ सतबीर ख्यालिया वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से प्राचार्य सेवानिवृत हैं। ताऊ कुलदीप ख्यालिया गांव में सामाजिक कार्यो में बढ़चढ़ कर भाग लेते है और गांव के सरपंच रह चुके हैं। इस उपलब्धि पर ग्रामीण एक-दूसरे को बधाइयां देने में लगे हुए हैं, वहीं परिजनों के पास बधाइयों का तांता लगा हुआ है।

भावेश ख्यालिया ने कहा कि परिवार में कामयाबी की शुरूआत ताऊ डा. युद्धबीर सिंह से हुई और उसी विरासत को उन्होंने आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से मेहनत करते रहने से एक दिन सफलता अवश्य मिलती है। उन्होंने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय माता-पिता, ताऊ, परिवार के अन्य सदस्यों व दोस्तों को दिया। उन्होंने कहा कि बच्चों को जीवन में कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और कड़ी चुनौतियों का कड़ी मेहनत से सामना करना चाहिए और सफलता अपने आप आपके कदम चुमेगी। भावेश ख्यालिया ने बताया कि अधिकांश लोगों के पास उनका निर्धारित लक्ष्य या प्लान नहीं होता, जबकि यह काफी आवश्यक है। हम जीवन में जो पाना चाहते हैं, उसे पाने के लिए पूर्व निश्चित कर लें कि हम किस दिशा में जाना चाहते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here